देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।
Advertisement
Advertisement
आज किसान आंदोनल का सातवां दिन है। किसानों के आंदोलन के चलते हरियाणा-पंजाब और हरियाणा-दिल्ली (Delhi) बॉर्डर सील है। बता दें इससे सभी वर्गों की परेशानियां बढ़ गई हैं। वैकल्पिक मार्गों पर भारी जाम है। इससे रोडवेज बसें और अन्य वाहन बंद हैं। हालात यह है कि चंडीगढ़ और दिल्ली जाने वालों के कई घंटे अतिरिक्त लग रहे हैं। बॉर्डर पर की गई किलेबंदी के कारण दिल्ली से संपर्क लगभग टूटा सा गया है।
आपको बता दें दिल्ली कूच को लेकर 13 फरवरी को शंभू बाडॅर पर किसानों और सुरक्षा बलों के बीच टकराव को देखते हुए दिल्ली और सोनीपत पुलिस ने कुंडली बॉर्डर को पूरी तरह सील कर दिया था। सरकार और किसानों के बीच बातचीत पर सबकी नजर बनी हुई है। इस बीच केजीपी-केएमपी के जीरो प्वाइंट से लेकर कुंडली बार्डर तक करीब छह किलोमीटर क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर के कामधंधे प्रभावित हैं।
किसान आंदोलन के चलते हरियाणा-पंजाब और हरियाणा दिल्ली बॉर्डर को सील किया गया है। जिसके चलते बसों को चंडीगढ़ जाने के लिए वाया यमुनानगर व दिल्ली जाने के लिए वाया नरेला भेजा जा रहा है। इन मार्गाें पर पहले से ही जाम होने के कारण बसें भी जाम में फंस रही हैं। चंडीगढ़ जाने वाली बसों को 30 किलोमीटर अतिरिक्त जाना पड़ रहा है। राहत की बात यह है कि अभी तक किराया नहीं बढ़ाया गया है। हालांकि जाम के कारण गंतव्य तक पहुंचने में कई घंटे अधिक लग रहे हैं।
दरअसल, बॉर्डर सील होने से उद्योगों में कच्चा माल लाने और तैयार माल भेजने की लागत लगभग दोगुनी हो गई है। दिल्ली जाने के लिए सफियाबाद नरेला से लिंक मार्गों को खोला गया है। हालांकि इन रास्तों पर जाम के कारण भारी वाहन नहीं आ रहे। इस कारण उद्योगपतियों को कच्चा माल लाने और तैयार माल भेजने के लिए छोटे वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है। इससे लागत दोगुना बढ़ गई है। पहले भारी वाहनों से माल ढुलाई के लिए जहां 10 हजार रुपये खर्च होते थे।