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चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर जमे किसान, CM मान ने वार्ता के लिए किया आमंत्रित

पंजाब के किसान गेहूं खरीद पर बोनस और 10 जून से धान की बुवाई शुरू करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर राज्य की चंडीगढ़ जाने से रोके जाने के बाद चंडीगढ़-मोहाली सीमा के निकट धरने पर बैठ गए।

12:09 PM May 18, 2022 IST | Desk Team

पंजाब के किसान गेहूं खरीद पर बोनस और 10 जून से धान की बुवाई शुरू करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर राज्य की चंडीगढ़ जाने से रोके जाने के बाद चंडीगढ़-मोहाली सीमा के निकट धरने पर बैठ गए।

पंजाब के किसानों ने चंडीगढ़-मोहाली बार्डर पर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार से किसान चंडीगढ़-मोहाली बार्डर पर स्‍थायी मोर्चा लगाााकर बैठे हुए हैं। और बुधवार सुबह भी किसानों का ये धरना जारी है। इस बीच मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वार्ता के लिए किसानों को चंडीगढ़ बुलाया है।
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मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, “यह उनका (किसान) विरोध करने का अधिकार है। लेकिन ‘मुर्दाबाद-मुर्दाबाद’ करना अच्छा नहीं लगता है। मैं सब कुछ ठीक कर दूंगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि दो महीने बाद आप ‘मुर्दाबाद’ करना शुरू कर दें। नारे नहीं लगाएं और चंडीगढ़ चलिए।”
विभिन्न मांगों के साथ धरने पर किसान
दरअसल, पंजाब के किसान गेहूं खरीद पर बोनस और 10 जून से धान की बुवाई शुरू करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर राज्य की चंडीगढ़ जाने से रोके जाने के बाद मंगलवार को चंडीगढ़-मोहाली सीमा के निकट धरने पर बैठ गए। कई किसान संगठनों के अनिश्चितकालीन प्रदर्शन के आह्वान के मद्देनजर चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। मोहाली पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को चंडीगढ़ में प्रवेश करने से रोकने के लिए अवरोधक लगाने के साथ-साथ पानी की बौछार छोड़ने के लिए वाहन तैनात किए हैं।
चंडीगढ़ पुलिस ने भी इसी तरह के सुरक्षा इंतजाम किए हैं। कई किसान संगठनों ने केंद्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर एक वर्ष के लंबे आंदोलन की तर्ज पर चंडीगढ़ में अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का आह्वान किया है। 
अपनी विभिन्न मांगों में किसान प्रति क्विंटल गेहूं पर 500 रुपये का बोनस चाहते हैं क्योंकि भीषण गर्मी की स्थिति के कारण उनकी उपज घट गई है और गेहूं के दाने सिकुड़ गए हैं। वे बिजली के बोझ को कम करने और भूमिगत जल के संरक्षण के लिए 18 जून से धान की बुवाई की अनुमति देने के पंजाब सरकार के फैसले के भी खिलाफ हैं।
हालांकि, प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि सरकार उन्हें 10 जून से धान की बुवाई की अनुमति दे। वे मक्का और मूंग के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए अधिसूचना भी जारी करवाना चाहते हैं। वे राज्य सरकार से बिजली लोड को बढ़ाने पर लगने वाले शुल्क को 4,800 रुपये से घटाकर 1,200 रुपये करने और बकाया गन्ना भुगतान जारी करने की भी मांग कर रहे हैं। 
स्मार्ट बिजली मीटर का विरोध
प्रदर्शनकारी स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का भी विरोध कर रहे हैं। राशन, बिस्तर, पंखे, कूलर, बर्तन, रसोई गैस सिलेंडर और अन्य सामान लेकर पंजाब के किसान मोहाली के गुरुद्वारा अंब साहिब में एकत्रित हुए। प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि उन्हें पंजाब सरकार की ओर से बैठक के लिए संदेश मिला है, लेकिन वे मुख्यमंत्री मान से मिलना चाहते हैं और कहा कि उन्हें किसी सरकारी अधिकारी से मिल कर अपने मुद्दों के समाधान की उम्मीद नहीं है।  
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