भारत बंद के साथ आंदोलन तेज करेंगे किसान, नये कृषि कानूनों का करेंगे होलिका दहन
केन्द्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने 26 मार्च को अपने ‘संपूर्ण भारत बंद’ के लिए रणनीति बनाने के लिए विभिन्न जन संगठनों और संघों के साथ बुधवार को मुलाकात की।
11:47 PM Mar 17, 2021 IST | Shera Rajput
केन्द्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने 26 मार्च को अपने ‘संपूर्ण भारत बंद’ के लिए रणनीति बनाने के लिए विभिन्न जन संगठनों और संघों के साथ बुधवार को मुलाकात की।
गंगानगर किसान समिति के रंजीत राजू ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किसान आंदोलन के चार महीने 26 मार्च को पूरे होने के मौके पर राष्ट्रव्यापी बंद के आह्वान के दौरान भी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान 12 घंटे तक बंद रहेंगे। इसके बाद, 28 मार्च को केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों की प्रतियों का होलिका दहन किया जाएगा।
उन्होंने बताया, ‘‘बंद सुबह छह बजे शुरू होगा और शाम छह बजे तक चलेगा और इस दौरान सभी दुकानें तथा डेयरी और सब कुछ बंद रहेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम तीन (नये कृषि) कानूनों की प्रतियों का होलिका दहन करेंगे और उम्मीद है कि सरकार को सदबुद्धि आएगी और वह इन कानूनों को रद्द करेगी तथा एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के लिए लिखित गारंटी देगी। ’’
एक किसान नेता पुरषोत्तम शर्मा ने कहा, ‘‘हम राज्य स्तर पर भी इस तरह की बैठकें करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि बंद हर जगह हो।’’
ऑल इंडिया किसान सभा के नेता कृष्ण प्रसाद ने कहा कि 112 दिनों से आंदोलन का लगातार जारी रहना अपने आप में एक उपलब्धि है और अब से यह मजबूत होता जाएगा।
प्रसाद ने कहा, ‘‘ना तो आपने, ना ही हमने सोचा था कि हम ऐसा कर सकेंगे और लोगों ने यह प्रदर्शित किया है कि वे हमारा समर्थन कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि भारत बंद ‘‘राज्य, जिला, तहसील और ग्राम स्तर पर ’’ होगा।
प्रसाद ने विद्युत संशोधन विधेयक,2021 पेश करने के केंद्र सरकार के कदम पर भी चिंता प्रकट करते हुए दावा किया कि मौजूदा अधिनियम में कोई भी संशोधन जनवरी में किसानों से किये गये सरकार के वादों के खिलाफ होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के साथ हुई हमारी 11 दौर की वार्ता के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा था कि उन्होंने विद्युत विधेयक को लेकर हमारी मांगें स्वीकार कर ली हैं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मीडिया में यह खबर आई कि प्रदर्शनकारी किसानों की 50 प्रतिशत मांगों का समाधान हो गया है। लेकिन वे (सरकार) फिर से इस अधिनियम को पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। यह धोखा है। ’’
नेताओं ने 18 मार्च से 23 मार्च तक ‘‘शहीद यादगार किसान-मजदूर पद यात्रा’’ आयोजित करने संबंधी अपनी योजना की भी घोषणा की।
एसकेएम ने एक बयान में कहा, ‘‘23 मार्च को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत के मद्देनजर शहीद दिवस समारोह में शामिल होने के लिए हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब के लोगों की तैयारी चल रही है।’’
‘पदयात्रा’ 18 मार्च को हरियाणा के हिसार में लाल सड़क हांसी से शुरू होगी और टीकरी बॉर्डर पहुंचेंगी, एक अन्य यात्रा पंजाब के खटकर कलां गांव से शुरू होगी और पानीपत होते हुए सिंघू बॉर्डर पहुचेंगी और तीसरी पदयात्रा मथुरा में शुरू होगी और पलवल की ओर बढ़ेगी।
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