W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

जालंधर में पब्जी गेम खेलने से पिता ने मना किया तो बेटे ने गोली मारकर की खुदकुशी

देश-विदेश में मन बहलाने और रोमांचक खेल के लिए विख्यात विदेशी गेम पबजी का निर्माण हुआ था, जिसे अकेले बैठे कई खिलाड़ी खेल खेलते हुए रोमांच प्राप्त करते है किंतु अति खेल जान लेवा होता है।

12:07 AM Aug 01, 2020 IST | Shera Rajput

देश-विदेश में मन बहलाने और रोमांचक खेल के लिए विख्यात विदेशी गेम पबजी का निर्माण हुआ था, जिसे अकेले बैठे कई खिलाड़ी खेल खेलते हुए रोमांच प्राप्त करते है किंतु अति खेल जान लेवा होता है।

जालंधर में पब्जी गेम खेलने से पिता ने मना किया तो बेटे ने गोली मारकर की खुदकुशी
लुधियाना-जालंधर : देश-विदेश में मन बहलाने और रोमांचक खेल के लिए विख्यात विदेशी गेम पबजी का निर्माण हुआ था, जिसे अकेले बैठे कई खिलाड़ी खेल खेलते हुए रोमांच प्राप्त करते है किंतु अति खेल जान लेवा होता है। ऐसे ही कई मामले देश-विदेश में हुए है। उन्हीं में से ताजा मामला पंजाब के जालंधर से जुड़ा है जिसमें पिता द्वारा खेलने से मना करने पर मुहल्ला बस्ती शेखां के एक 20 वर्षीय युवक मानक शर्मा पुत्र चंद्र शेखर ने स्वयं को गोली मारकर खुदकुशी की है।
 जानकारी के मुताबिक वह बस्ती शेख के एक बड़े बाजार में दवाईयों की दुकान चलाता है। पुलिस इंस्पेक्टर रविंद्र सिंह के मुताबिक मृतक के पिता चंद्रशेखर ने पुलिस को बताया कि उनका बेटा बीए पार्ट 2 की पढ़ाई करता था जिसे मोबाइल फोन पर पबजी समेत अन्य खेल खेलने पसंद थे, जिस कारण पढ़ाई में वह पिछड़ रहा था। चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि उन्होंने गुस्से में आकर मानक का फोन तोड़ दिया और उसे भविष्य में सुधरने को कहा लेकिन गुस्से में वह दुकान से घर चला गया जहां अपने कमरे में जाकर उसने लाइसेंसी रिवाल्वर से छाती पर गोली मार ली और वह मोके पर ही मारा गया। 
आहत होकर खुद को गोली मारने वाले पबजी खेलने के शौकीन मानिक शर्मा का लिखा नोट पुलिस ने फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। नोट में मानिक ने लिखा था कि मैं बहुत बुरा हूं। पुलिस यह जांच कर रही है कि नोट पर उसी की हैंडराइटिंग है। अभी तक की जांच में सामने आया है कि मानिक ने खुद गोली मारी है। गोली उसके दिल को चीर कर पीठ में जा धंसी थी। मानिक का इस तरह गोली मारना पुलिस को भी थोड़ा परेशान करने वाला था।
– सुनीलराय कामरेड
Advertisement
Advertisement
Author Image

Shera Rajput

View all posts

Advertisement
Advertisement
×