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खालिस्तानी आतंकी हरमीत सिंह ‘ पीएचडी ’ का पड़ोसी मुल्क में कत्ल के बाद पिता ने मांगा शव

खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के चीफ -आतंकी हरमीत सिंह उर्फ हैप्पी ‘ पीएचडी’ का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में हुए कत्ल के बाद अमृतसर में उसके रिहायशी स्थल पर गमगीन माहौल है।

03:05 PM Jan 28, 2020 IST | Shera Rajput

खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के चीफ -आतंकी हरमीत सिंह उर्फ हैप्पी ‘ पीएचडी’ का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में हुए कत्ल के बाद अमृतसर में उसके रिहायशी स्थल पर गमगीन माहौल है।

लुधियाना-अमृतसर : खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के चीफ -आतंकी हरमीत सिंह उर्फ हैप्पी ‘ पीएचडी’ का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में हुए कत्ल के बाद अमृतसर में उसके रिहायशी स्थल पर गमगीन माहौल है। पारिवारिक वारिसों ने भारत की केंद्रीय सरकार से गुहार लगाई है कि हरमीत सिंह हैप्पी की मृत देह को भारत लाकर उन्हें सौंपा जाएं ताकि उसके अंतिम संस्कार को गुरू मर्यादा के मुताबिक संपन्न किया जा सकें। 
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बताया जाता है कि उसे लाहौर में एक गुरुद्वारे के पास गोली मारी गई। वह पाक्रिस्तान से पंजाब में ड्रग की तस्करी भी कर रहा था। हरमीत सिंह के पिता अवतार सिंह अमृतसर के न्यू कबीर पार्क स्थित पुरानी चुंगी के पास रहते हैं। अवतार सिंह ने बताया कि साल 2008 में उनके बेटे हरमीत सिंह ने गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी से धर्म विषय पर पीएचडी की थीढ्ढ उस दौरान हरमीत के संपर्क में खालिस्तानी विचारधारा के लोग आ गए थे और वह उनके प्रभाव में आ गया।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक भारत सरकार के प्रथम 5 मोस्टवांटेड खालिस्तानी ने पड़ोसी मुलक पाकिस्तान में शरण लेकर आतंकवाद को बढ़ाने का कार्य किया था, जिनका सरगना हैप्पी पीएचडी था। हरमीत सिंह हैप्पी पीएचडी गुरू की नगरी अमृतसर का रहने वाला था और यही अपनी योगयता के मुताबिक पढ़ाई करके उसने पीएचडी के लिए जीएनडीयू में दाखिला लिया था, इसी कारण हरमीत सिंह को हैप्पी पीएचडी की पहचान मिली थी। हालांकि उसने डॉक्टरेट की पढ़ाई मध्य में ही छोड़ दी। यह भी पता चला है कि हरमीत के मातापिता सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त है और हैप्पी का घर का नाम रूबी था। 
माता पिता ने हरमीत को आखिरी वकत 6 नवंबर 2008 को देखा था और वह थाईलैंड में खालिस्तानी लेबेरेशन फोर्स के चीफ हरमिंद्र सिंह मिंटू के संपर्क में था, जिसे 2014 में पंजाब पुलिस ने गिरफतार किया था और मिंटू के गिरफतारी के बाद हैप्पी खालिस्तानी लिबरेशन फोर्स का चीफ बना। वह पहले हांगकांग से नैटवर्क चलाता था और पिछले कई सालों से पाकिस्तान में ही रहता था। 
हाल ही में उसी ने पंजाब में खालिस्तानियों का नैटवर्क बनाने के लिए निरंकारी भवन पर 2018 में सत्संग के दौरान ग्रेनेड गिरवाएं थे। पुलिस ने इसी मामले में 2 कटटर खालिस्तानी विक्रम जीत सिंह और अवतार सिंह को गिरफतार करके मालूम किया था कि इसमें भूमिका इटली में बैठे परमजीत सिंह बाबा की थी और उसी के कहने पर विक्रमजीत सिंह और अवतार सिंह का हैप्पी से संपर्क हुआ था।
 
जालंधर में 6 अगस्त 2016 को आरएसएस के नेता रिटार्यड ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा के कत्ल के मामले में भी तारें हैप्पी से जुड़ी थी। तत्पश्चात 17 अक्तूबर 2017 को लुधियाना में आरएसएस के नेता रविंद्र गोसाई का कत्ल हुआ था, जिसमें खालिस्तानियों का हाथ बताया गया जबकि 16 जून 2017 को ही लुधियाना के सलीम टाबरी इलाके में पादरी सुलतान मसीह का कत्ल के मामले में जगतार सिंह जोहल को हिरासत में लिया गया, वह भी खालिसतानी लिबरेशन फोर्स का सदस्य है। इसी प्रकार कई मामलों में हैप्पी पीएचडी की भूमिका अहम मानी जाती है।
उधर हैप्पी के पिता अवतार सिंह का कहना है कि वह आज भी नहीं मानते कि उनका बेटा देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा। अवतार सिंह ने केंद्र सरकार से मांग की है कि हरमीत का शव पाकिस्तान से लाकर परिवार को दिलाया जाए। परिवार में हरमीत की मां गुरवीर कौर और बहन है।
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