भारतीय सेना का डर, POK में 1000 से अधिक मदरसे बंद
POK में 1000 से अधिक मदरसे अस्थायी रूप से बंद
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 1000 से अधिक मदरसे भारत के संभावित हमलों के डर से बंद कर दिए गए हैं। स्थानीय अधिकारियों ने कम से कम 10 दिनों के लिए इन्हें बंद रखने का निर्णय लिया है। भारत का आरोप है कि इन मदरसों का इस्तेमाल आतंकवादियों के छिपने के ठिकाने के रूप में किया जा रहा है।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 1000 से अधिक मदरसे कम से कम 10 दिनों के लिए बंद कर दिए गए हैं। स्थानीय अधिकारियों ने शुक्रवार को यह घोषणा की। विश्वसनीय सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि भारत की तरफ से हमले के डर की वजह से पीओके में स्थित मदरसों को बंद कर दिया गया। भारत यह दावा करता रहा है कि इन संस्थानों का इस्तेमाल आतंकवादियों के छिपने के ठिकाने के रूप में किया जा रहा है। स्थानीय लोगों का मानना है कि भारत पाकिस्तान के साथ पूर्ण पैमाने पर युद्ध शुरू नहीं करेगा, लेकिन नियंत्रण रेखा (एलओसी) के साथ पीओके क्षेत्रों में कुछ हमले जरूर करेगा। 29 सितंबर 2016 को, भारतीय सेना के कमांडो की टीमों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र में प्रवेश कर आतंकी ठिकानों में छिपे बैठे आतंकवादियों को खत्म किया था। यह कार्रवाई 18 सितंबर 2016 को जम्मू और कश्मीर के उरी में एक भारतीय सेना की चौकी पर हमला करने के दस दिन बाद हुई थी। हमले में 19 सैनिकों की मौत हो गई थी।
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एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “सरकार के निर्देशानुसार 1000 से अधिक मदरसे बंद कर दिए गए हैं। उन्हें कम से कम 10 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है और छात्रों के लिए छुट्टियों की घोषणा कर दी गई है। इससे पहले पाकिस्तान ने बुधवार को गिलगित और स्कार्दू के लिए सभी घरेलू उड़ानें रद्द करने की घोषणा की। विदेशी उड़ानों की भी कड़ी निगरानी शुरू की गई। जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएए) को सभी आने वाले विदेशी विमानों की जांच करने का निर्देश दिया गया। इस बीच पाकिस्तान ने भारत से लौटने वाले अपने नागरिकों के लिए वाघा सीमा को खुला रखने की घोषणा की। पहलगामा आतंकी हमले के बाद नई दिल्ली ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए थे।
पाकिस्तान विदेश कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, “हालांकि भारत से पाकिस्तानी नागरिकों की वापसी की अंतिम तिथि 30 अप्रैल थी, लेकिन यदि भारतीय अधिकारी उन्हें अपनी ओर से सीमा पार करने की अनुमति देते हैं तो लाहौर में वाघा बॉर्डर हमारे नागरिकों के लिए खुला रहेगा। बयान में कहा गया, “वाघा सीमा भविष्य में भी पाकिस्तानी नागरिकों के लिए खुली रहेगी। बता दें आतंकियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल – पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में लोगों (ज्यादातर पर्यटक) पर अंधाधुंध गोलियां चला दी थीं। हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। प्रतिबंधित आतंकवादी समूह ‘लश्कर-ए-तैयबा’ से जुड़े ‘टीआरएफ’ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली।