Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

ब्याज दरों को यथावत रखने से फिक्की नाराज, एसोचैम आरबीआई के साथ

आर्थिक गतिविधियों में आयी सुस्ती के मद्देनजर रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति द्वारा अनुमान के अनुरूप नीतिगत दरों में कम से कम एक चौथाई फीसदी की कटौती नहीं किये जाने पर उद्योग संगठन एक राय नहीं हैं

04:55 PM Dec 05, 2019 IST | Shera Rajput

आर्थिक गतिविधियों में आयी सुस्ती के मद्देनजर रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति द्वारा अनुमान के अनुरूप नीतिगत दरों में कम से कम एक चौथाई फीसदी की कटौती नहीं किये जाने पर उद्योग संगठन एक राय नहीं हैं

आर्थिक गतिविधियों में आयी सुस्ती के मद्देनजर रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति द्वारा अनुमान के अनुरूप नीतिगत दरों में कम से कम एक चौथाई फीसदी की कटौती नहीं किये जाने पर उद्योग संगठन एक राय नहीं हैं। फिक्की ने जहां इस पर गहरी नाराजगी जतायी है वहीं एसोचैम ने कहा कि वह इस फैसले में रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास के रूख से सहमत है। 
Advertisement
फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने कहा कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की इस पांचवीं द्विमासिक समीक्षा बैठक में लिया गया निर्णय फिक्की के अनुमान के उलट है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 महीने में नीतिगत दरों में की गयी कटौती का लाभ अब तक उपभोक्ताओं को नहीं मिला है जो चिंता की बात है। लेकिन अर्थव्यवस्था में आयी सुस्ती के मद्देनजर नीतिगत दरों में कटौती नहीं किया जाना बहुत ही निराशाजनक है। नीतिगत दरों में कटौती के सिलसिले को जारी रखने की जरूरत थी। 
उन्होंने कहा कि वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में नीतिगत दरों में लघुकालिक स्तर पर 75 आधार अंक से लेकर 100 आधार अंक की कटौती किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक विकास अनुमान को 6.1 प्रतिशत से कम कर 5.0 प्रतिशत किये जाने के मद्देनजर सरकार और रिजर्व बैंक दोंनों को अर्थव्यवस्था के तनाव वाले क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करने और सशक्त पहल करने की जरूरत है। 
एसोचैम के अध्यक्ष बी के गोयनका ने कहा कि ब्याज दरों में नरमी लाये जाने में अस्थायी विराम लगाने से पिछले दस महीने में इनमें की गयी 135 आधार अंकों की कमी का पूर्ण लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचने का मौका है। बैंकों ने अब तक मात्र 44 आधार अंकों का लाभ ही उपभोक्ताओं को दिया है। 
उन्होंने कहा कि नीतिगत दरों में कमी नहीं किये जाने के रूख को लेकर उनका संगठन श्री दास के साथ है। उन्होंने कहा कि एकोमोडेटिव रूख बनाये रखने से आगे नीतिगत दरों में कमी करने का मार्ग खुला हुआ है।
Advertisement
Next Article