भारत और सऊदी अरब के बीच पहली सैन्य बातचीत संपन्न, रक्षा सहयोग को लेकर बनी रणनीति
पहली सैन्य बातचीत में भारत-सऊदी ने बनाई रक्षा योजना
भारत और सऊदी अरब के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को नई दिशा देने के उद्देश्य से पहली “सेना से सेना” स्तर की बातचीत (Army-to-Army Staff Talks) 23-24 अप्रैल को नई दिल्ली में आयोजित की गई। इसमें भारतीय सेना और रॉयल सऊदी लैंड फोर्सेज (RSLF) के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस ऐतिहासिक वार्ता में वार्षिक रक्षा सहयोग योजना (Annual Defence Cooperation Plan) के तहत संयुक्त सैन्य अभ्यास “SADA TANSEEQ”, सैन्य प्रशिक्षण, रक्षा शिक्षा, डोमेन विशेषज्ञों का आदान-प्रदान, और ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स जैसे अहम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के साथ सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है, जिसमें युद्ध क्षेत्र प्रबंधन प्रणाली (Battlefield Management Systems) और उन्नत रक्षा तकनीकों पर काम करने की योजना भी शामिल है।
संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘SADA TANSEEQ’ पर सहमति
वार्ता के दौरान दोनों देशों ने ‘SADA TANSEEQ’ नामक पहले लैंड फोर्सेज अभ्यास की सफलता को सराहा और भविष्य में इसे और प्रभावी बनाने की प्रतिबद्धता जताई। यह अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच समन्वय और साझेदारी को मजबूत करेगा। भारतीय सेना और RSLF के बीच सैनिकों के प्रशिक्षण और रक्षा शिक्षा के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने की बात हुई। दोनों पक्षों ने डोमेन विशेषज्ञों के परस्पर दौरे और अनुभवों के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया।
ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स और युद्ध प्रबंधन प्रणाली
बातचीत में युद्ध क्षेत्र में लॉजिस्टिक्स की भूमिका को रेखांकित किया गया और युद्ध प्रबंधन प्रणाली जैसे अत्याधुनिक तकनीकी क्षेत्रों में भी सहयोग पर सहमति बनी। यह दोनों देशों की रक्षा क्षमताओं को और अधिक सुदृढ़ करेगा। दोनों देशों ने न सिर्फ रक्षा क्षेत्र में बल्कि आर्थिक साझेदारी में भी वृद्धि पर संतोष जताया। व्यापार और निवेश के क्षेत्र में भारत-सऊदी अरब के संबंध हाल के वर्षों में मजबूत हुए हैं, और दोनों पक्षों ने रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति जताई।
रणनीतिक साझेदारी के तहत बनी मंत्री स्तरीय समिति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सऊदी अरब यात्रा के बाद दोनों देशों ने रणनीतिक साझेदारी के अंतर्गत रक्षा सहयोग को एक मुख्य स्तंभ माना और इसके लिए एक मंत्री स्तरीय समिति के गठन का स्वागत किया। सितंबर 2024 में रियाद में हुई छठी संयुक्त समिति की बैठक में इस दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे।