पंचम झारखंड विधानसभा का पहला सत्र 06 जनवरी से, स्टीफन मरांडी होंगे प्रोटेम अध्यक्ष
पंचम झारखंड विधानसभा का पहला सत्र अगले वर्ष 06 जनवरी से शुरू होगा, जो 08 जनवरी तक चलेगा और इस दौरान नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने के लिए विधायक प्रो। स्टीफन मरांडी को प्रोटेम अध्यक्ष बनाया गया है।
05:09 PM Dec 29, 2019 IST | Shera Rajput
पंचम झारखंड विधानसभा का पहला सत्र अगले वर्ष 06 जनवरी से शुरू होगा, जो 08 जनवरी तक चलेगा और इस दौरान नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने के लिए विधायक प्रो। स्टीफन मरांडी को प्रोटेम अध्यक्ष बनाया गया है।
Advertisement
झारखंड के ज्ञारहवें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आज यहां नई सरकार के मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में पंचम झारखंड विधानसभा के प्रथम सत्र को 06 जनवरी 2020 से 08 जनवरी 2020 तक आहूत करने की स्वीकृति दी गई है।
06 जनवरी 2020 को झारखंड विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान होगा। नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने के लिए विधायक प्रो। स्टीफन मरांडी को प्रोटेम अध्यक्ष बनाए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है।
इसके बाद 07 जनवरी को झारखंड विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन के नियमावली 8 (आई) के अधीन अध्यक्ष का निर्वाचन होगा। इसी दिन पूर्वाह्न 11:30 बजे विधानसभा में राज्यपाल का अभिभाषण होगा। साथ ही वित्त वर्ष 2019-2020 के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी का उपस्थापन किया जाएगा।
वहीं, 08 जनवरी को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का उपस्थापन, वाद-विवाद, सरकार का उत्तर तथा मतदान होगा। वित्त वर्ष 2019-2020 के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी पर सामान्य वाद-विवाद, मतदान, तत्संबंधी विनियोग विधेयक का उपस्थापन किया जएगा।
मंत्रिमंडल की बैठक में सभी जिले के उपायुक्त विभिन्न प्रकार के अनुबंध कर्मियों, आंगनबाड़ सेविका, सहायिका, विभिन्न श्रेणियों के पेंशन भोगियों, सभी प्रकार की छात्रवृत्तियां एवं पारा शिक्षकों से संबंधित सभी लंबित भुगतान पूर्ण कराने के लिए प्रखंड तथा पंचायत स्तर पर शिविर लगाकर कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है।
सरकार ने सभी उपायुक्त को यथाशीघ, अपने-अपने जिलों में गरीब एवं पात्र व्यक्तियों के बीच कंबल, ऊनी टोपी वितरण करने तथा जाड़ से राहत के लिए सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।
बैठक में झारखंड सरकार के प्रतीक चिन्ह (लोगो) पर विमर्श किया गया। इसे झारखंड राज्य की संस्कृति, परंपरा, इतिहास एवं स्वर्णिम भविष्य के अनुरूप संशोधित करने की आवश्यकता बताई गई। इस संबंध में प्रस्ताव आमंत्रित कर इसे नया स्वरूप देने की कार्रवाई किये जाने का निर्देश दिया गया।
Advertisement