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फिच ने दी इंडिया को रेटिंग, सबसे तेज गति से बढ़ती हुई अर्थव्यस्था में से एक भारत

12:01 PM Jan 17, 2024 IST | Nidhi Kasana

(Fitch Ratings India) फिच रेटिंग एजेंसी एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो सरकारों और कंपनियों के कर्ज चुकाने की क्षमता को आंकती है। इसे एक तरह से कर्ज का रिपोर्ट कार्ड समझ सकते हैं। हाल ही में, फिच ने भारत की रेटिंग पर अपना अपडेट जारी किया है, वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch) ने बता दिया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2024 में संतुलित रहेगी। फिच का कहना है कि भारत आने वाले कुछ सालों तक दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था में रहेगा, और उन्होंने भारत को 'बीबीबी -' (BBB-) की रेटिंग दी है। इसके साथ ही, फिच ने भारतीय अर्थव्यवस्था के वित्त वर्ष 2024 में 6.9 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान भी लगया है। तो आइए देखते हैं कि भारत को क्या मिला है और इसका मतलब क्या है?

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फिच ने भारत को क्या रेटिंग दी? (Fitch Ratings India) 

फिच ने भारत की लॉन्ग-टर्म फॉरेन करेंसी आईडीआर (Issuer Default Rating)  को 'BBB-' पर बनाए रखा है। साथ ही, आउटलुक को भी 'स्टेबल' बताया है। मतलब, फिच को अभी भारत के कर्ज चुकाने की क्षमता पर कोई बड़ा खतरा नहीं दिख रहा है। उनकी आंकड़ों के अनुसार, भारत में प्राइवेट इनवेस्टमेंट में कोई कमी नहीं होगी और वित्त वर्ष 2024 के बाद राजकोषीय पथ पर कम निश्चितता हो सकती है, लेकिन आर्थिक विकास और समेकन के बीच समझौता अधिक तेज हो सकता है।  हालांकि, फिच ने ये भी कहा है कि भारत का कमजोर सरकारी खर्च रेटिंग का सबसे बड़ा रोड़ा है।

इसका मतलब क्या है?

(Fitch Ratings India) भारत की रेटिंग को 'BBB-' कहना मतलब है कि भारत का कर्ज निवेश के लिए ठीक-ठाक सुरक्षित है।  स्टेबल आउटलुक का मतलब है कि फिच को निकट भविष्य में भारत की रेटिंग बदलने की उम्मीद नहीं है। फिच के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी में 6.9 फीसदी की दर से वृद्धि होगी, जो कि पूर्वानुमान से अधिक है। उन्होंने यह भी बताया कि घरेलू बचत की कमी के कारण खपत में सुधार होगा और प्राइवेट इनवेस्टमेंट धीरे-धीरे बढ़ता जाएगा।

भारत के लिए अच्छी खबर

भारत के लिए यह अच्छी खबर है कि फिच ने रेटिंग नहीं बदली है और आउटलुक भी स्टेबल है।  इसका मतलब है कि निवेशकों का भारत पर भरोसा बना हुआ है।  हालांकि, यह भी ध्यान रखना चाहिए कि फिच ने भारत के कमजोर सरकारी खर्च पर चिंता जताई है।  इसे सुधारने के लिए सरकार को कदम उठाने की जरूरत है।

फिच ने भारत को क्या सकारात्मक पाया?

फिच ने भारत में किन कमजोरियों को उजागर किया?

क्या है फिच रेटिंग ?

फिच रेटिंग्स एक वैश्विक कंपनी है जो अलग-अलग देशों की क्रेडिट योग्यता का आकलन करती है। ये रेटिंग्स  ये बताती हैं कि किसी देश के लिए ऋण उठाकर उसे वापस करने की कितनी क्षमता है। सीधे शब्दों में, ये रेटिंग्स देशों के लिए 'रिपोर्ट कार्ड' की तरह काम करती हैं। भारत के लिए भी फिच रेटिंग्स देता है, जो भारत की आर्थिक स्थिति और वित्तीय हालात का मूल्यांकन करता है।

फिच रेटिंग्स के क्या फायदे हैं?

कैसे काम करती है फिच रेटिंग्स?

फिच रेटिंग्स कुछ ऐसे काम करती है, जैसे मन लीजिये आप बैंक से लोन लेना चाहते हैं। बैंक आपको लोन देने से पहले आपकी क्रेडिट हिस्ट्री चेक करता है। फिच रेटिंग्स भी कुछ इसी तरह काम करते हैं, लेकिन ये बैंक की जगह निवेशकों के लिए काम करते हैं।

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