Ethiopia में ज्वालामुखी विस्फोट के बाद, भारत की Air India समेत कई Flights रद्द
Flights Cancelled During Volcanic Eruption: भारत से 4,814 किलोमीटर की दूरी पर 10 हजार साल बाद इथियोपिया में एक ऐसा ज्वालामुखी विस्फोट हुआ, जिसका का असर फ्लाइट्स के ऑपरेशन पर भी पड़ा है। 'हेली गुब्बी' विस्फोट से निकली ज्वालामुखी की राख मिडिल ईस्ट के कुछ हिस्सों में बहुत बुरी तरह फैल गई है।
जिसके कारण KLM रॉयल डच एयरलाइंस ने अपनी दिल्ली-एम्स्टर्डम फ्लाइट रद्द कर दी है। ये राख करीब 5 हजार किमी की दूरी तय कर भारत तक पहुंच गई। जिसके बाद कई फ्लाइटों को रद्द कर दिया गया। भारत यूएई रूट पर विमान सर्विस बंद कर दी गई है। इंडिगो, एयर इंडिया और आकासा एयर ने यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, कई फ्लाइटों को रद्द कर दिया है, जबकि कई फ्लाइट्स के रूट बदल दिए गए हैं।
Flights Cancelled During Volcanic Eruption: ज्वालामुखी विस्फोट के कारण कई फ्लाइट्स हुई रद्द
दिल्ली NCR पर हुआ असर
दिल्ली NCR में पहले से ही हवा इतनी खराब है कि यहां सांस लेना भी मुश्किल है। अब राख के घने बादल पहुंचने से यहां हवा की क्वालिटी और गिरने की संभावना है। अकासा एयर ने राख के कारण 24 और 25 नवंबर को जेद्दा, कुवैत और अबू धाबी आने-जाने वाली फ्लाइट्स कैंसिल कर दी हैं। इंडिगो ने भी अपनी कुछ फ्लाइट कैंसिल की है।
एअर इंडिया की ये उड़ानें रद्द
25 नवंबर
- AI 2822 – चेन्नई–मुंबई
- AI 2466 – हैदराबाद–दिल्ली
- AI 2444/2445 – मुंबई–हैदराबाद–मुंबई
- AI 2471/2472 – मुंबई–कोलकाता–मुंबई
DGCA की एडवाइजरी
ज्वालामुखी की राख को लेकर डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने एडवाइजरी जारी की है। मस्कट फ्लाइट इंफार्मेशन रीजन के कुछ हिस्सों में खतरनाक हालात की ASHTAM वॉर्निंग के बाद सभी अर्जेंट एडवाइजरी जारी की है।
एयरपोर्ट को सलाह दी गई है कि अगर राख का पता चले, तो तुरंत रनवे, टैक्सीवे और एप्रन की जांच करें और कंटैमिनेशन साफ होने तक ऑपरेशन रोक दें। ऑपरेटरों को इंटरनल सेफ्टी रिस्क असेसमेंट प्रोसेस को एक्टिवेट करने और सैटेलाइट इमेजरी, VAAC बुलेटिन और राख के मूवमेंट के अनुमान की 24 घंटे मॉनिटरिंग करने का भी आदेश दिया गया है।
वहीं एयरलाइंस की तरफ से यात्रियों को अपडेट किया गया है। स्पाइसजेट ने कहा है कि दुबई से आने वाले यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी उड़ान की स्थिति पर नजर रखें। अकासा एयर ने कहा है कि वह इंटरनेशनल एविएशन एडवाइजरी और सेफ़्टी प्रोटोकॉल के हिसाब से समस्या पर पूरी तरह निगरानी करेंगे और जरूरत के हिसाब से जरूरी कदम उठाएंगे।
कैसे होता है ज्वालामुखी विस्फोट
जब कोई ज्वालामुखी विस्फोट करता है, तो यह ठोस चट्टान और पिघले हुए लावा को सूक्ष्म कणों में तोड़ देता है। ये कण अत्यधिक फोर्स के साथ ऊपर की ओर उठते हैं, जिससे एक विशाल बादल बनता है, जो 10-20 किमी की ऊंचाई तक वायुमंडल में जा सकता है। इसी कारण ज्वालामुखी विस्फोट होता है।
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