बरवाला हिंसा के विरोध में काला दिवस मनाने के लिए एकत्रित हुए रामपाल के अनुयायी
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रोहतक: बरवाला हिंसा के विरोध में काला दिवस मनाने के लिए रामपाल के अनुयायी हजारों की संख्या में मानसरोवर पार्क में एकत्रित हुए और जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन के चलते शहर में जाम की स्थिति पैदा हो गई और वाहन चालको को काफी परेशानी का सामना करना पडा। प्रर्दशानिकारियों का कहना था कि सरकार अनुयायियों पर तानाशाही रवैया अपनाए हुए है। बरवाला में हुई हिंसा में सरकार जानबुझ कर संत रामपाल को फंसाया है और बेगुनाह अनुयायियों पर केस दर्ज किए गए है। उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की। साथ ही प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार उनके साथ भेदभाव कर रही है।
पंचकुला में हुई हिंसा के बाद सरकार ने राम रहीम के सभी नाम चर्चा घरों को बंद कर दिया था और अब उन चर्चा घरों को खोल दिया है, इसलिए उन्होंने सरकार से बरवाला आश्रम व करौथा स्थित सतलोक आश्रम खोलने की मांग की, ताकि अनुयायी आश्रम में भजन कीर्तन कर सके। शनिवार को करौथा स्थित संतलोक आश्रम के संचालक संत रामपाल के हजारों समर्थक मानसरोवर पार्क में एकत्रित और रोष सभा का आयोजन कर काला दिवस मनाया। रामपाल आश्रम के पदाधिकारी अमन दास ने कहा कि सरकार उनके साथ अन्याय कर रही है।
उन्होंने आरोप लगाया सरकार ने राजनैतिक द्वेष के चलते रामपाल दास पर झूठे मुकदमे दर्ज किए हैं। इसलिए बरवाला में हुए घटनाक्रम की सीबीआई जांच होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि गत दिनों पंचकुला में हुई हिंसा में सरकार ने सिरसा डेरे के प्रमुख राम रहीम के नाम चर्चा घरों को बंद कर दिया था, लेकिन अब दोबारा से नाम चर्चा घर खुलवा दिए है, तो रामपाल के आश्रम भी सरकार को खोलने चाहिए। सरकार ने अभी रामपाल के आश्रमों को नही खोला है, यह सब राजनैतिक द्वेष के चलते किया जा रहा है।
(मनमोहन कथूरिया)