देश में पहली बार एक ही राज्य में चीतों की शिफ्टिंग, 8 घंटे का सफर तय करेंगे चीते
चीतों की पहली शिफ्टिंग, 8 घंटे का सफर तय करेंगे
मध्यप्रदेश में पहली बार चीतों की शिफ्टिंग हो रही है। कूनो नेशनल पार्क से दो नर चीते पावक और प्रभाष को गांधी सागर अभयारण्य ले जाया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शाम 4 बजे इन्हें रिलीज करेंगे। चीतों के लिए 8900 हेक्टेयर में विशेष क्षेत्र तैयार किया गया है। कूनो में अब 24 चीते रह जाएंगे, जिनमें 13 भारतीय और 11 विदेशी हैं। इनमें से 17 चीते फिलहाल खुले जंगल में विचरण कर रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका से लाए गए करीब 6-6 साल के ये दोनों नर चीते वातानुकूलित वाहनों में रखे गए हैं।
मध्यप्रदेश में रविवार को वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया। देश में पहली बार किसी राज्य के भीतर चीतों की शिफ्टिंग हो रही है। कूनो नेशनल पार्क (श्योपुर) से दो नर चीते—पावक और प्रभाष—को गांधी सागर अभयारण्य (मंदसौर) ले जाया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव स्वयं शाम 4 बजे इन चीतों को गांधी सागर में रिलीज करेंगे। दक्षिण अफ्रीका से लाए गए करीब 6-6 साल के ये दोनों नर चीते वातानुकूलित वाहनों में रखे गए हैं। सुबह 8 बजे टीम रवाना हुई, जो बिना रुके करीब 8 घंटे का सफर तय कर कोटा और झालावाड़ होते हुए शाम 4 बजे गांधी सागर पहुंचेगी। चीतों को उन्हीं पिंजरों में ले जाया जा रहा है जिनमें इन्हें पहले भारत लाया गया था। गांधी सागर अभयारण्य में चीतों के लिए वन विभाग ने 8900 हेक्टेयर में विशेष क्षेत्र तैयार किया है। यहां 8 से 10 चीतों को बसाने की योजना है। उनके भोजन के लिए 150 चीतल, 80 चिंकारा, 50 व्हाइट बोर्ड और 50 नीलगाय मौजूद हैं। पहले से हिरणों की अच्छी संख्या है, जिससे शिकार की समस्या नहीं होगी।
90 ‘चीता मित्रों’ की टीम तैनात, तालाब और मेडिकल सपोर्ट भी तैयार
चीता देखरेख के लिए 90 प्रशिक्षित ‘चीता मित्र’ गांधी सागर में पहले से तैनात हैं। पानी की व्यवस्था के लिए छोटे तालाब भी बनाए गए हैं। ट्रांसपोर्ट के दौरान इमरजेंसी मेडिकल टीम भी साथ है, जिससे किसी भी परिस्थिति में फौरन इलाज मिल सके।
पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा, कूनो में अब बचे 24 चीते
गांधी सागर में चीतों के आगमन से यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। दूसरी ओर, कूनो में अब 24 चीते रह जाएंगे, जिनमें 13 भारतीय और 11 विदेशी हैं। इनमें से 17 चीते फिलहाल खुले जंगल में विचरण कर रहे हैं।