विदेश मंत्री एस. जयशंकर का दक्षिण कोरिया को धन्यवाद
जयशंकर ने दक्षिण कोरिया के सहयोग पर जताया आभार
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चो ते-युल को आतंकी हमले के बाद भारत को समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया। दक्षिण कोरिया ने इस हमले की निंदा करते हुए भारत के साथ एकजुटता दिखाई और आतंकवाद के खिलाफ भारत के कदमों का समर्थन किया।
इस हमले के बाद भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन मिला है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चो ते-युल का समर्थन देने के लिए आभार व्यक्त किया। दक्षिण कोरिया ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए भारत के साथ एकजुटता दिखाई और आतंकवाद के खिलाफ भारत के कदमों का समर्थन किया। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसारन घाटी में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हुए। पर्यटकों को निशाना बनाए जाने के इस क्रूर हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 23 अप्रैल को हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में कई कड़े निर्णय लिए गए।
पाकिस्तान के खिलाफ भारत का सख्त रुख
भारत सरकार ने पाकिस्तान पर कड़ा रुख अपनाते हुए कूटनीतिक और रणनीतिक दोनों स्तरों पर कार्रवाई की है। पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारियों को निष्कासित करने के साथ-साथ SAARC वीज़ा छूट योजना भी रद्द कर दी गई है। 27 अप्रैल से भारत द्वारा जारी सभी पाकिस्तानी वीज़ा भी रद्द कर दिए गए हैं। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करना बंद नहीं करता, तब तक कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी का सख्त संदेश
बिहार के मधुबनी में एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था , “इस हमले के गुनहगारों को ऐसी सज़ा मिलेगी, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी। अब समय आ गया है कि आतंकवाद के हर बचे हुए अड्डे को खत्म किया जाए।” उन्होंने आगे कहा, “140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के संरक्षकों की कमर तोड़ देगी।”
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पाकिस्तान पर कड़ी कार्रवाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 23 अप्रैल को हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में कई कड़े निर्णय लिए गए। इनमें सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को निलंबित करना, अटारी इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट को बंद करना, और पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारियों को ‘persona non grata’ घोषित कर एक सप्ताह के भीतर देश छोड़ने का आदेश शामिल है। इसके अलावा, SAARC वीज़ा छूट योजना (SVES) के तहत जारी सभी वीज़ा रद्द कर दिए गए हैं और पाकिस्तान के नागरिकों के लिए वीज़ा सेवाएं तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दी गई हैं। सरकार का यह स्पष्ट संदेश है कि आतंकवाद के समर्थन को अब किसी भी रूप में सहन नहीं किया जाएगा।