सीजफायर तोड़ने पर विदेश सचिव का कड़ा बयान – सेना को दिया गया जवाबी कार्रवाई का निर्देश
पाकिस्तान ने डीजीएमओ स्तर की वार्ता में हुए समझौते का “घोर उल्लंघन” किया…
भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम के उल्लंघन पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने भारतीय सेना को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सीमा पर अतिक्रमण रोकने के लिए भारतीय सेना पूरी ताकत के साथ मुस्तैद है। मिस्री ने पाकिस्तान की हरकत को निंदनीय बताते हुए उसकी पूरी जिम्मेदारी पाकिस्तान पर ही डाली है।
भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार शाम घोषित हुए युद्धविराम के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान की ओर से किए गए उल्लंघन पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
विदेश सचिव का सख्त संदेश – सेना को दिए जवाबी कार्रवाई के निर्देश
देर रात उन्होंने मीडिया को बताया कि पाकिस्तान ने डीजीएमओ स्तर की वार्ता में हुए समझौते का “घोर उल्लंघन” किया है। इसके जवाब में भारतीय सेना को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
सीमा पर अतिक्रमण रोकने में जुटी भारतीय सेना
मिस्री ने कहा कि भारतीय सेना पूरी ताकत और दृढ़ता के साथ जवाब दे रही है। सीमा पर हो रहे अतिक्रमण को रोकने के लिए सुरक्षा बल पूरी तरह मुस्तैद हैं। उन्होंने पाकिस्तान की इस हरकत को अत्यंत निंदनीय बताते हुए कहा कि इसकी पूरी जिम्मेदारी पाकिस्तान पर ही है।
पाकिस्तान की जिम्मेदारी और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर निगरानी
विदेश सचिव ने आगे कहा कि भारतीय सशस्त्र बल अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। यदि भविष्य में कोई और उल्लंघन होता है तो सेना को उसे सख्ती से रोकने का आदेश दिया गया है।
पाकिस्तान से शांति बनाए रखने की अपील
उन्होंने पाकिस्तान से अपील की कि वह स्थिति की गंभीरता को समझे और तुरंत प्रभाव से युद्धविराम उल्लंघन जैसी गतिविधियाँ बंद करे। भारत किसी भी उकसावे का निर्णायक उत्तर देने के लिए पूरी तरह तैयार है।
चार घंटे में ही टूटा युद्धविराम, ड्रोन और गोलीबारी से हमला
गौरतलब है कि तीन दिनों तक चले तनाव के बाद शनिवार शाम 5 बजे से भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम लागू हुआ था। लेकिन इसके महज चार घंटे बाद ही पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन कर सीमा पार से गोलीबारी शुरू कर दी और ड्रोन के माध्यम से कई भारतीय शहरों को निशाना बनाया।
भारत की नई नीति – आतंक का जवाब युद्ध स्तर पर
इससे पहले भारत सरकार ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी थी कि भविष्य में भारत पर होने वाली किसी भी आतंकी घटना को “युद्ध के समान” माना जाएगा और उसी स्तर की जवाबी कार्रवाई की जाएगी। शीर्ष सरकारी सूत्रों ने कहा कि अब भारत की नीति साफ है – आतंक के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।