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विदेश व्यापार नीति की मध्यावधि समीक्षा मंगल को

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02:09 PM Dec 01, 2017 IST | Desk Team

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नई दिल्ली: सरकार विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) की बहुप्रतीक्षित मध्यावधि समीक्षा मंगलवार को जारी करेगी। एफटीपी में निर्यातकों की दिक्कतों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। जिससे निर्यात में आ रही गिरावट को रोका जा सके। निर्यातक माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन के बाद पेश आने वाली चुनौतियों को लेकर चिंतित हैं। उनका यहां तक कहना है कि उन्हें इस नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था से बाहर रखा जाना चाहिए। इसके अलावा निर्यातकों की मांग है कि ड्रॉबैक रिफंड के काम को तेज किया जाए क्योंकि इससे उनकी कार्यशील पूंजी अटक रही है।

पहले एफटीपी की मध्यावधि समीक्षा एक जुलाई को जीएसटी के क्रियान्वयन के साथ की जानी थी। हालांकि, उस समय इसे टाल दिया गया था क्योंकि सरकार इसमें जीएसटी के क्रियान्वयन के बाद निर्यातकों के अनुभव को शामिल करना चाहती थी। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने अपने कार्यालय आदेश में कहा है कि डीजीएफटी (मुख्यालय) नई दिल्ली, दो और तीन दिसंबर (शनिवार और रविवार) को भी खुला रहेगा जिससे एफटीपी की मध्यावधि समीक्षा की तैयारियां की जा सकें।

डीजीएफटी मुख्यालय ने सभी अधिकारियों को शनिवार और रविवार को कार्यालय आने का आदेश जारी किया है। अक्तूबर में निर्यात नकारात्मक दायरे में आ गया है। अक्तूबर में निर्यात 1.12 प्रतिशत गिरा है। जीएसटी के क्रियान्वयन के बाद निर्यातकों के समक्ष आ रही तरलता की समस्या की वजह से निर्यात नीचे आ रहा है। पांच वर्षीय एफटीपी की घोषणा एक अप्रैल, 2015 को की गई थी। इसमें देश के वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को 2020 तक 900 अरब डॉलर पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें विश्व के निर्यात में भारत का हिस्सा दो प्रतिशत से बढ़कर 3.5 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है।

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