W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

विदेशियों ने हमारी रसोई पर किया कब्जा : डाॅ मुरली मनोहर जोशी

02:17 AM Nov 09, 2023 IST | Shera Rajput
विदेशियों ने हमारी रसोई पर किया कब्जा   डाॅ मुरली मनोहर जोशी
Advertisement

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डाॅ मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि विदेशियों ने हमारी रसोई पर कब्जा कर लिया है। यह देशवासियों के स्वास्थ्य के लिए घातक है। डाॅ जोशी आज यहां गाँधी दर्शन में पिछले तीन दिवसीय मिलेट्स महोत्सव के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मिलेट देश की संस्कृति से जुड़ा प्रश्न है। घर में बनने वाला खाना सबसे अच्छा होता है। पहले हम चौकी पर बैठ कर हाथ से खाते थे और आज हम बिना छुरी कांटे के नहीं खाते हैं।
इस अवसर पर हरियाणा के माननीय राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने अपने संबोधन में कहा कि मोटा अनाज हमारा पारंपरिक आहार है, जिसे खाकर हमारे पूर्वज लम्बी आयु जीते रहे हैं। श्री धान्य में विशेषता है कि यह हमारे शरीर की सफाई भी करती है। मैं इस 3 दिनों के सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई देता हूँ।
अवसर ट्रस्ट के अध्यक्ष पूर्व सांसद आर के सिन्हा ने कहा कि देश में मिलेट्स को लेकर जागरूकता फैलाने की जरूरत है। मोटा अनाज हमारी सेहत के लिए लाभदायक है। इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष रामबहादुर राय ने कहा कि मैं खादर वली जी का बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ और इनके बताये गए सभी नियमों का पालन करने की कोशिश करता हूँ। इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सचिव सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि इंदिरा गाँधी कला केंद्र इस मिलेट्स महोत्सव के आयोजकों में शामिल है। हम एक समय मिलेट्स वाला भोजन कर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना सकते हैं। “ये दिवाली मिलेट वाली” थीम बहुत प्रचारित हो गया है। हम लोगों ने मिलेट्स के लिए इस कार्यशाला के माध्यम से एक यज्ञ की शुरुआत कर दी है।
गाँधी दर्शन के उपाध्यक्ष श्री विजय गोयल ने अपने संबोधन में कहा कि हम सब मिलेट्स पर एक आयोजन की परिकल्पना कर रहे थे। हमलोग बचपन से ज्वर बाजरा खाकर बड़े हुए हैं। यहाँ बने मिलेट्स का खाना इतना स्वादिष्ट था कि मैं भेद नहीं कर पाया कि यह मिलेट्स से बना खाना है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सुबोधकान्त सहाय ने कहा कि इस देश में हर दूसरा व्यक्ति शुगर और ब्लड प्रेशर का मरीज है। ऐसे वक़्त में मिलेट्स की और प्रासंगिकता बढ़ गई है। इस कार्यशाला में शामिल होने वाले सभी लोग बहुत भाग्यशाली हैं।
मिलेट मैन के नाम से प्रसिद्ध डॉ. खादर वली ने बताया कि आज हम पाश्चात्य जीवन जीने कारण जिस दिक्कत से गुजर रहे हैं उसका समाधान हमारी रसोई में छिपा है। पूरे विश्व में रसोई को हटा दिया गया है। यह हमारे देश में नहीं होना चाहिए। अपने सवास्थ्य को ठीक करने के लिए मिलेट एकमात्र सरल माध्यम है। 15 दिनों में मिलेट्स से शुगर की बीमारी ठीक होनी शुरू हो जाती है। खाना सही नहीं है तो कोई दवा काम नहीं करती।
मिलेट्स कार्यशाला में यहाँ पिछले तीन दिनों में कई महतवपूर्ण बातें हुई। डॉ. खादर वली ने बताया कि चावल, गेहूं के समस्त उत्पाद, चीनी और डेयरी के दूध को थाली से हटाकर यदि मिलेट्स को ले आयें तो 3 महीने से दो वर्षों के अंदर सारी बीमारियां समाप्त हो जायेंगीं। 90 प्रतिषत अस्पताल भी बंद हो जायेंगी।
उन्होंने कहा कि यह दुःख की बात है कि चावल, गेहूं और गन्ने के समृद्धि और विकास के लिये तो पिछले पचास वर्षों में सैकड़ों करोड़ लाख खर्च किये गये, लेकिन, मोटे और छोटे अनाज पर आजतक कोई रिसर्च ही नहीं हुआ। छोटे अनाज पैदा कर सिर्फ भारत पूरे विश्व को अगले पांच सौ वर्षों तक पर्यावरण को सुरक्षित रखकर खिला सकते हैं। खाने में जंक फुड का इस्तेमाल नहीं करना है। मिलेट्स से बने भोजन का इस्तेमाल करना है। रिफाइंड तेल को उपयोग में नहीं लाना है। इसके स्थान पर कच्ची घानी के तेल को खाना बनाने में इस्तेमाल करें। डेयरी का दूध का इस्तेमाल नहीं करना है। मिलेट्स से दूध बनाकर सभी को बड़े एवं बच्चों को लेना है। इसमें सभी प्रकार के पौष्टिक तत्व मौजूद हैं। पानी को कभी भी प्लास्टिक बोतल में इस्तेमाल नहीं करना है। इसे ताम्बा से बने बर्तन में पानी रखकर उपयोग करें। पेय पदार्थ में मिलेट्स का अम्बली बनाकर इस्तेमाल करें। इसमें सभी खनिज पदार्थ मौजूद रहते हैं। मिलेट्स से सभी तरह का खाना और मिठाई बनायी जा सकती है। सभी लोगों को अपने घरों में इसी का इस्तेमाल करना है। सभी तरह की बीमारियों को इसमें खत्म किया जा सकता है। खाना पुरानी पद्धति से कोयले के चूल्हे पर बनाकर खायें। इससे खाने की पौष्टिकता बरकरार रहती है।

Advertisement
Advertisement
Author Image

Shera Rajput

View all posts

Advertisement
×