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पूर्व ACP का दावा - परमबीर सिंह के पास था आतंकी कसाब का फोन, पेश करने के बजाय किया नष्ट

सेवानिवृत्त सहायक पुलिस आयुक्त शमशेर खान पठान ने दावा किया है कि मुबंई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने 26/11 आतंकी हमले के दोषी मोहम्मद अजमल कसाब से जब्त किए गए मोबाइल फोन को ”नष्ट” कर दिया था।

01:45 PM Nov 26, 2021 IST | Ujjwal Jain

सेवानिवृत्त सहायक पुलिस आयुक्त शमशेर खान पठान ने दावा किया है कि मुबंई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने 26/11 आतंकी हमले के दोषी मोहम्मद अजमल कसाब से जब्त किए गए मोबाइल फोन को ”नष्ट” कर दिया था।

सेवानिवृत्त सहायक पुलिस आयुक्त शमशेर खान पठान ने दावा किया है कि मुबंई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने 26/11 आतंकी हमले के दोषी मोहम्मद अजमल कसाब से जब्त किए गए मोबाइल फोन को ”नष्ट” कर दिया था। 
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पूर्व ACP ने चार महीने पहले की थी ये शिकायत 
पठान ने जुलाई में मुंबई पुलिस आयुक्त को लिखित शिकायत देकर पूरे मामले की जांच कराए जाने और सिंह के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की थी। पठान ने करीब चार महीने पहले ये शिकायत दी थी, हालांकि, बृहस्पतिवार को जबरन वसूली के मामले में परमबीर सिंह के मुंबई अपराध शाखा के समक्ष पेश होने के बीच ये शिकायत सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। 
कसाब के पास से एक मोबाइल फोन जब्त करने की थी सूचना 
परमबीर सिंह को इस साल मार्च में मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटाया गया था और उनके स्थान पर वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हेमंत नगराले ने पदभार संभाला था। अपनी शिकायत में पठान ने कहा है कि डी.बी. मार्ग थाने के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक एन.आर. माली ने उन्हें सूचित किया था कि उन्होंने कसाब के पास से एक मोबाइल फोन जब्त किया है और फोन को कांबले नाम के कांस्टेबल को सौंपे जाने की बात कही थी। 
सिंह पर फोन को नष्ट करने का है आरोप 
पठान ने आरोप लगाया कि आतंकवाद-निरोधक दस्ते के तत्कालीन डीआईजी परमबीर सिंह ने कांस्टेबल से मोबाइल फोन ले लिया था। उन्होंने शिकायत में दावा किया है कि फोन आतंकी हमले के जांच अधिकारी रमेश महाले को सौंपा जाना चाहिए था, लेकिन सिंह ने ”साक्ष्य के महत्वपूर्ण टुकड़े को नष्ट कर दिया।” पूरे मामले पर परमबीर सिंह की टिप्पणी सामने नहीं आयी है। 
2012 में कसाब को दी गयी थी फांसी 
कसाब को 13 साल पहले मुंबई में कई जगहों पर हुए आतंकी हमले के दौरान जिंदा पकड़ा गया था। उच्चतम न्यायालय द्वारा उसकी मौत की सजा की सुनवाई और पुष्टि के बाद, उसे नवंबर 2012 में फांसी दे दी गई थी। 

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