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पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का गुरुवार को सुबह 8:20 बजे 80 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने अपने आवास पर अंतिम सांस ली। वे पिछले लंबे समय से विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य दुश्वारियों से जूझ रहे थे। चिकित्सक उनके उपचार में जुटे थे। स्वास्थ्य की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए जुलाई में उन्हें अस्पताल में भी भर्ती करवाया गया था।
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डॉक्टरों के मुताबिक, वे पिछले लंबे समय से क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी और वृद्धावस्था संबंधित बीमारियों से जूझ रहे थे। हालांकि, बीते दिनों उनके स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिल रहा था, लेकिन अचानक उनके निधन ने उनके चाहने वालों को झकझोर कर रख दिया है। वे कोलकाता में ही अपने परिवार के साथ रह रहे थे। स्वास्थ्य संबंधित बीमारियों की वजह से वे लंबे से सार्वजनिक जीवन से दूर थे।
उन्होंने 2015 में ही सीपीआई (एम) पोलित ब्यूरो और केंद्रीय समिति के पद से इस्तीफा दे दिया था और 2018 में केंद्रीय सचिवालय से जुड़ गए। वे काफी लंबे समय तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज रहे। साथ ही वो कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ पोलित ब्यूरो के सदस्य भी रहे। उनका जन्म 1944 में उत्तरी कोलकाता में हुआ था। उन्होंने बंगाल के प्रतिष्ठित प्रेसीडेंसी कॉलेज से ही बंगाली साहित्य की पढ़ाई की थी। इसके बाद, वे सीपीआई (एम) से जुड़ गए। इसी दौरान, वे डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन के सचिव भी रहे।
पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दुख व्यक्त किया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर कहा, "पूर्व मुख्यमंत्री श्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के आकस्मिक निधन से स्तब्ध और दुखी हूं। मैं पिछले कई दशकों से उन्हें जानती हूं और पिछले कुछ वर्षों में जब वह बीमार थे और प्रभावी रूप से घर पर ही थे, तब मैंने उनसे कई बार मुलाकात की थी।" उन्होंने आगे कहा, "दुख की इस घड़ी में मीरादी और सुचेतन के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। मैं सीपीआई (एम) पार्टी के सदस्यों और उनके सभी अनुयायियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं। हमने पहले ही निर्णय ले लिया है कि हम उनकी अंतिम यात्रा और संस्कार के दौरान उन्हें पूरा सम्मान देंगे।"