W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

Delhi University के पूर्व professor GN Saibaba का हैदराबाद में निधन

08:12 AM Oct 13, 2024 IST | Rahul Kumar
delhi university के पूर्व professor gn saibaba का हैदराबाद में निधन
Advertisement

Delhi University : दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा का शनिवार शाम हैदराबाद में निधन हो गया। सीपीआई सचिव नारायण ने एक बयान में गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, मैं प्रोफेसर साईबाबा के निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। वास्तविक जीवन में शारीरिक रूप से विकलांग होने के बावजूद, उन्होंने साहसपूर्वक सरकारी प्रतिबंधों का उल्लंघन किया और अपने अडिग संघर्ष में विजयी हुए।

Highlight

  • 2014 माओवाद से कनेक्शन के आरोप में गिरफ्तारी
  • 2024 बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरी किया था
  • 10 साल जेल में रहने के बाद महज सात महीने पहले बरी किये गए थे

पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा का शनिवार शाम हैदराबाद में निधन हो गया

प्रोफेसर साईबाबा अब शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके संघर्ष की भावना हमारे साथ है। मैं उनके निधन पर हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं और उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। दिल्ली विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के प्रोफेसर साईबाबा को माओवादी समूहों से संबंध रखने के संदेह में महाराष्ट्र पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद 2014 में कॉलेज से निलंबित कर दिया गया था।

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने 25 मार्च, 2024 को कथित माओवादी संबंध मामले में उन्हें और पांच अन्य को बरी कर दिया

गिरफ्तारी के बाद साईबाबा को नागपुर सेंट्रल जेल में रखा गया था। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने 25 मार्च, 2024 को कथित माओवादी संबंध मामले में उन्हें और पांच अन्य को बरी कर दिया। यह फैसला जस्टिस विनय जोशी और वाल्मीकि एसए मेनेजेस की पीठ ने सुनाया, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाईकोर्ट के पहले के बरी करने के आदेश को खारिज करने के बाद अपील पर फिर से सुनवाई की। साईबाबा और अन्य को मार्च 2017 में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में सत्र न्यायालय द्वारा गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी के तहत क्रांतिकारी लोकतांत्रिक मोर्चा (आरडीएफ) के साथ उनके कथित जुड़ाव के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, जिसे प्रतिबंधित माओवादी संगठन से संबद्ध होने का दावा किया गया था।

19 अप्रैल, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया

14 अक्टूबर, 2022 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने साईबाबा और अन्य को मामले में बरी कर दिया; हालांकि, महाराष्ट्र सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। 19 अप्रैल, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें साईबाबा और अन्य आरोपियों को उनके कथित माओवादी संबंधों के लिए यूएपीए के तहत मामले से बरी कर दिया गया था।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं

Advertisement
Advertisement
Author Image

Rahul Kumar

View all posts

Advertisement
Advertisement
×