नीस आतंकी हमले पर मलेशिया के पूर्व PM की विवादित टिप्पणी, ‘मुस्लिमों को फ्रांस के लोगों की हत्या करने का हक’
महातिर मोहम्मद ने गुरुवार को ट्वीट करते हुए फ्रांस की निंदा की और मुस्लिमों के प्रति द्वेष भाव रखने का आरोप लगाया। उन्होंने अपने ट्विटर अकॉउंट पर ‘दूसरों का सम्मान कीजिए’ नाम से एक ब्लॉग पोस्ट किया।
10:49 AM Oct 30, 2020 IST | Desk Team
फ्रांस के नीस शहर में हुए आतंकी हमले की चौतरफा निंदा हो रही है। इस हमले में तीन लोगों की मौत जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। इस हमले को लेकर पूरे देश में रोष व्याप्त है। इस बीच मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने ऐसा बयान दिया है, जिसकी दुनिया में कड़ी निंदा हो रही है।
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महातिर मोहम्मद ने गुरुवार को ट्वीट करते हुए फ्रांस की निंदा की और मुस्लिमों के प्रति द्वेष भाव रखने का आरोप लगाया। उन्होंने अपने ट्विटर अकॉउंट पर ‘दूसरों का सम्मान कीजिए’ नाम से एक ब्लॉग पोस्ट किया। उन्होंने सिलसिलेवार किए ट्वीट में कहा, ‘मुस्लिमों को गुस्सा करने का और लाखों फ्रांसीसी लोगों को मारने का पूरा हक है।’
महातिर ने 18 वर्षीय लड़के द्वारा कक्षा में पैगंबर के कार्टून दिखाने पर फ्रांसीसी शिक्षक सैमुअल पैटी की हत्या की घटना का जिक्र किया। महातिर ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को असभ्य बताया। उन्होंने मैक्रों पर हमला बोलते हुए कहा कि किसी धर्म का अपमान करने वाले एक शिक्षक की हत्या पर पूरे इस्लाम को दोषी ठहराना ठीक नहीं है। ऐसा नहीं लगता कि मैक्रों सभ्य हैं। जब आप एक आक्रोशित शख्स के गलत काम का ठीकरा सारे मुसलमानों पर फोड़ते हैं और उन्हें दोषी ठहराते हैं, तो मुसलमानों को भी फ्रेंच लोगों को सजा देने का हक है। केवल फ्रांस के सामानों का बहिष्कार करना इसका सही मुआवजा नहीं होगा।
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महातिर मोहम्मद ने इन ट्वीट की दुनियाभर में निंदा होने के बाद ट्विटर से हटा दिया, जिसमें वो फ्रांसीसी लोगों को मारने की बात कर रहे हैं। नीस में गुरुवार को एक गिरिजाघर के पास चाकू से किए गए हमले में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। हमले के बाद हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया है और इस दौरान घायल होने की वजह से उसे अस्पताल ले जाया गया है। हमलावर ने अकेले इस घटना को अंजाम दिया।
हमलावर फ्रांस के चर्च में हाथ में कुरान की कॉपी और चाकू लेकर घुसा था और फिर उसने तीन लोगों की हत्या कर दी। यह पिछले दो महीनों में फ्रांस में इस तरह का तीसरा हमला है। उल्लेखनीय है कि यह घटना ऐसे समय हुई है जब फ्रांस में आतंकवादी हमले को लेकर पहले ही अलर्ट जारी किया हुआ है। वहीं, फ्रांसीसी संसद के निचले सदन ने कोरोना वायरस महामारी के चलते नयी पाबंदियों पर बहस को स्थगित करते हुए पीड़ितों के लिए कुछ देर मौन रखा।
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