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पूर्व सांसद श्रीमती लवली आनंद काँग्रेस में शामिल

कांग्रेस में विलय नहीं है, संगठन अपना काम पुर्ववत करता रहेगा और आने वाले लोकसभा के चुनावों में कांग्रेस के लिए पूरे बिहार में अभियान चलायेगा!

08:27 PM Jan 25, 2019 IST | Desk Team

कांग्रेस में विलय नहीं है, संगठन अपना काम पुर्ववत करता रहेगा और आने वाले लोकसभा के चुनावों में कांग्रेस के लिए पूरे बिहार में अभियान चलायेगा!

पटना : पूर्व सांसद श्रीमती लवली आनन्द अपने ज्येष्ठ पुत्र युवा नेता चेतन आनंद के साथ कांग्रेस में शामिल हुईं, मिलन समारोह कांग्रेस के राज्य कार्यालय सदाकत आश्रम में हुआ!इस मौके पर कांग्रेस के राज्य प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, अखिलेश सिंह, वीरेंद्र राठौर, अनिल शर्मा, प्रेमचंद्र मिश्रा आदि कई वरीय नेता कांग्रेस के उपस्थित थे। फ़्रेंड्स ऑफ आनन्द के प्रदेश अध्यक्ष कुलानन्द यादव अकेला, महासचिव ठाकुर उदय शंकर, प्रदेश प्रवक्ता पवन राठौर, दीपक सिंह, विकास कुमार, अधिवक्ता रवि प्रकाश, राजेश सिंह सहित कई नेता उपस्थित थे।

शामिल होने पर श्रीमती लवली आनन्द ने कहा कि मेरी पुनर्वापसी हो रही है ।आपको मालूम हो कि मैं पहले भी कांग्रेस में थी ।एक पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष के पक्षपातपूर्ण और सत्तालोलुप रवैयों के कारण मैं भरे मन से कांग्रेस छोड़ी थी। मेरा शक तब सत्य साबित हुआ ,जब वो वहीं चले गए, जहां के लिए कांग्रेस में रहकर काम कर रहे थे ।लेकिन मेरी समझ से वे जाते-जाते पार्टी का कुछ नुकसान कर गए ।

मेरा और आनंद मोहन जी का परिवार स्वतंत्रता सेनानियों का परिवार रहा है । हमारे पुरखों की तीन -तीन पीढ़ियों ने अंग्रेजों से लड़ाइयां लड़ी ।असीम कुर्बानिया दी ।हमारा घर कोसी में ‘आजादी का मंदिर’ था ।जहां महात्मा गांधी और आचार्य कृपलानी जैसे महान लोग आते रहे ।इस संघर्ष में हमारे घर की औरतों ने चार सेर अधिक कीमती गहने पूज्य बापू को अर्पित कर दीं।आजादी की लौ को जलाए रखने के लिए अपनी सैकडों बीघे जमीन होम कर डाली । कांग्रेस हमारा पुश्तैनी घर है ।कांग्रेस हमारे विचार में ,संस्कार में ,खून में है ।और मैं चाहूंगी की जीवन का बाकी सफर और संघर्ष भी कांग्रेस के झंडे के तले करती रहूं ।

श्रीमती आनन्द के शामिल होने पर फ्रेंड्स ऑफ आनन्द के अध्यक्ष कुलानन्द यादव अकेला और प्रवक्ता पवन राठौर ने स्वागत करते हुए कहा कि राज्य और देश हित में सही समय पर सही फैसला लिया गया है जिसका दूरगामी राजनीतिक प्रभाव पड़ेगा! खासकर बिहार में इसका व्यापक असर पड़ेगा क्योंकि जेल में निर्दोष बंद आनन्द मोहन के समर्थकों की तायदाद काफी है जो इसबार काफी आक्रोशित है वर्तमान सरकार के खिलाफ और आनंद मोहन की रिहाई के लिए लगातार जोरदार मांग उठ रही है। आगे प्रवक्ता पवन राठौर ने बताया कि फ्रेंड्स ऑफ आनंद का कांग्रेस में विलय नहीं है, संगठन अपना काम पुर्ववत करता रहेगा और आने वाले लोकसभा के चुनावों में कांग्रेस के लिए पूरे बिहार में अभियान चलायेगा।

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