Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

एसजीपीसी की पूर्व प्रधान बीबी जगीर कौर को श्री अकाल तख्त साहिब पर किया जाएं तलब : मन्ना

NULL

02:18 PM Oct 24, 2017 IST | Desk Team

NULL

लुधियाना-अमृतसर  : पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव व प्रवक्ता मनदीप सिंह मन्ना ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को ज्ञापन सौंप कर मांग की है कि शिरोमणि कमेटी की पूर्व प्रधान व मौजूदा मेंबर बीबी जगीर को बजर कुरैहत करने के आरोप में श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब करके उसे धार्मिक सजा सुनाई जाए। ज्ञापन के माध्यम से यह भी मांग की गई है कि डेरा मुखी राम रहीम को श्री अकाल तख्त साहिब से माफी दिलवाने के लिए तख्त साहिबों के जत्थेदारों पर पाए गए दबाव के किए धार्मिक अपराध को मुख्य रखते हुए अकाली दल के अध्यख सुखबीर सिंह बादल , पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और अकाली मंत्री डा दलजीत सिंह को श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब करके धार्मिक सजा सुनाई जाए। ताकि श्री अकाल तख्त साहिब की निष्पक्षता को लेकर सिख कौम के अंदर फैला भ्रम खत्म हो सके। ज्ञानी गुरबचन सिंह की गैर मौजूदगी में मन्ना से यह मांग पत्र उनके कार्यालय के सचिव गुरबचन सिंह की ओर से लिया गया।

श्री अकाल तख्त साहिब पर मांग पत्र सौंपने के बाद मीडिया के साथ बातचीत करते हुए मन्ना ने कहा कि बीबी जगीर कौर की पुत्री हरप्रीत कौर की हत्या 20 अप्रैल 2000 को हुई थी। इस मामले में हरप्रीत कौर के पति होने का दावा करने वाले युवक कमलजीत ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई थी कि हरप्रीत और उसके पेट में पल रहे उसके बच्चे की हत्या करने , हरप्रीत का अपहरण करने में बीबी जगीर कौर मुख्य दोषी है। पुलिस ने जब कोई कार्रवाई नहीं की जो कमलजीत ने यह शिकायत हाईकोर्ट में दायर कर दी। जिस पर सीबीआई ने सारे मामले की जांच करते हुए बीबी को आरोपी बताया और अदालत ने बीबी जगीर कौर को 5 वर्ष कैद की सजा सुनाई । जगीर कौर 6 माह की सजा काट अब जमानत पर है। जगीर कौर ने जो अपराध किया है उसे सिख कौम में बजर अपराध बताया जाता है दुनियावी अदालत ने तो जगीर कौर को सजा सुना दी है। पर श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से बीबी को इस बड़े अपराध के कारण श्री अकाल तख्त साहिब से धार्मिक सजा क्यों नही सूनाई जा रही। जत्थेदार अकाल तख्त ब्याद दे रहे है बीबी जगीर कौर का मामला पुराना हो गया है।

इस लिए इसे लंबित रखा गया है। जत्थेदार बताएं अगर मामला पुराना हो गया है तो क्या अपराध खत्म हो जाता है। अगर जत्थेदार की बात के अनुसार चला जाए तो क्या सिखों को अब 1984 की घटना को भी भूल जाना चाहिए जो जगीर कौर के मामले से भी पुरानी है। जगीर कौर के खिलाफ कार्रवाई की आवाज उठी तो जगीर कौर अपने बचाव के लिए एसजीपीसी व अकाली वर्करों की सेना लेकर अकाल तख्त पर दबाव बनाने के लिए पहुंच गई। जगीर कौर तब क्यों नहीं अकाल तख्त साहिब पर सेना लेकर गई थी जब बादलों की सरकार में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदगी हुई थी। सुच्चा सिंह लंगाह के खिलाफ अभी शिकायत दर्ज हुई उसके खिलाफ अकाल तख्त से तुरंत कार्रवाई कर दी गई। क्यों कि गुरदासपुर के चुनाव नजदीक थे । जगीर कौर के उपर तो कानून ने भी आरोप सिद्ध कर दिए है फिर जगीर कौर का अकाल तख्त बचाव क्यों कर रहा है। बीबी को अकाल तख्त से धार्मिक सजा लगानी समय की जरूरत है।

मन्ना ने कहा कि तख्त दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने अपने पद पर रहते हुए सारी दुनिया के समाने खुलासा किया है कि राम रहीम को माफी दिलवाने के लिए अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार समेत तीन जत्थेदारों पर अकाल तख्त से माफी दिलवाने का दबाव बनाया था। इस दौरान प्रकाश सिंह बादल , डा दलजीत सिंह चीमा और सुखबीर बादल मौजूद थे। तो इस बात का संज्ञान लेते हुए अकाल तख्त साहिब से प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर बादल और डा चीमा को सजा सुनाने से जत्थेदार क्यों पीछे हट रहे है। अगर श्री अकाल तख्त साहिब से जत्थेदार बिना किसी दबाव के निष्पक्षता से फैसले सुनाए जाते तो आज न कोई सरबत खालसा बुलाता और न ही समानाअंतर जत्थेदार तख्त साहिबों में नियुक्त करने की जरूरत पडती । राम रहीम के मामले में अकाल तख्त निष्पक्ष होता तो सिख कौम को मौजूदा हालातों का सामना न करना पड़ता। अकाल तख्त पर अपनो और दूसरों के लिए अपनाए जाते दोहरे मापदंड ही सिख कौम की मौजूदा हालत के लिए जिम्मेवार है।

मन्ना ने कहा कि एक ओर एलान किए जाते है कि पतितों को श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब नहीं किया जा सकता। तो फिर अकाल तख्त साहिब से किस के इशरों पर मनप्रीत बादल के पुत्र अर्जुन बादल और रजिंदर कौर भ_ल को बार बार तलब किया जाता है। सिख कौम जानना चाहती है कि बार बार श्री अकाल तख्त साहिब के निष्पक्षता को तार तार क्यों किया जा रहा है। समय की जरूरत है कि पंथ के उक्त दोषिायों को श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब कर धार्मिक सजा लगाई जाए।

मन्ना ने कहा कि 8 अगस्त 2017 को उनकी ओर से श्री गुरु राम दास इंस्टीच्यूट की कंटीन में परोसे जा रहे मासाहारी भोजन के संबंध में अकाल तख्त पर मांग पत्र सौंपा गया था। जिस पर एसजीपीसी ने कार्रवाई कर मास मीट परोसना तो बंद करवा दिया परंतु एसजीपीसी के महत्वपूर्ण पदों पर बैठ कर उक्त अपराध को अंजाम देने वालों के खिलाफ श्री अकाल तख्त साहिब ने कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि कौम के दोषी चाहे दुनियावी अदालतों से बच जाएं परंतु सिख धर्म की सर्व उच्च अदालत ने नहीं बचने चाहिए। यही अपील लेकर में अकाल तख्त साहिब पर पहुंचा हूं।

– सुनीलराय कामरेड

Advertisement
Advertisement
Next Article