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भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता दोनों पक्षों के लिये फायदेमंद होगा : ब्रिटिश मंत्री

ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय व्यापार मामलों की मंत्री केमी बैडेनओच ने कहा कि भारत के साथ होने वाला मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) ऐसा होगा, जो दोनों देशों के लिये फायदेमंद हो। यह किसी क्षेत्र विशेष पर केंद्रित नहीं होगा।

10:27 PM Oct 04, 2022 IST | Shera Rajput

ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय व्यापार मामलों की मंत्री केमी बैडेनओच ने कहा कि भारत के साथ होने वाला मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) ऐसा होगा, जो दोनों देशों के लिये फायदेमंद हो। यह किसी क्षेत्र विशेष पर केंद्रित नहीं होगा।

भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता दोनों पक्षों के लिये फायदेमंद होगा   ब्रिटिश मंत्री
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ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय व्यापार मामलों की मंत्री केमी बैडेनओच ने कहा कि भारत के साथ होने वाला मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) ऐसा होगा, जो दोनों देशों के लिये फायदेमंद हो। यह किसी क्षेत्र विशेष पर केंद्रित नहीं होगा।
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उन्होंने यह बात ऐसे समय कही है जब प्रधानमंत्री स्तर पर समझौते को पूरा करने के लिये दिवाली तक की समयसीमा करीब आ गयी है। दिवाली 24 अक्टूबर को है।
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प्रधानमंत्री लिज ट्रस की अगुवाई वाली सरकार में एफटीए पर बातचीत की प्रभारी बैडेनओच ने बर्मिंघम में कंजर्वेटिव पार्टी के वार्षिक सम्मेलन में देश के सेवा क्षेत्र के लिये भारतीय बाजार में पहुंच के बारे में जतायी गयी चिंताओं को दूर करते हुए यह बात कही।
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वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ने संकेत दिया कि पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने जो दिवाली की समयसीमा दी थी, वह सोच-विचार कर दी थी। इस लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है। कुछ पहलुओं पर समयसीमा बाद निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि जो भी हो व्यापक हो। लेकिन वह दोनों देशों के लिये सही हो।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री ने जो समयसीमा दी थी, उसके लिये काफी समय था। यह कोई मनमाना नहीं था बल्कि सोच-विचार कर दिया गया था। लेकिन व्यापार समझौता कोई आसान काम नहीं है। इसीलिए, हम जो करना चाहते हैं वह कुछ ऐसा है जो दोनों देशों के लिये फायदेमंद हो। सेवा क्षेत्र जो चाहता है, वह सब कुछ नहीं हो सकता है, हमें सब कुछ नहीं मिल सकता है। हम कोई एकतरफा समझौता नहीं कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि इस समझौते का मकसद द्विपक्षीय व्यापार में बाधाओं को दूर करना और उत्पाद तथा बाजार पहुंच को लेकर हर पक्ष की जरूरतों के बीच संतुलन बनाना है।
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Shera Rajput

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