हकीकत से हीर रांझा तक, Priya Rajvansh का सफर
प्रिया राजवंश का सिनेमा में यादगार योगदान
1960 के दशक में बॉलीवुड में आईं प्रिया राजवंश ने केवल सात फिल्मों में काम किया, लेकिन उनकी मासूमियत और गहरी भावनाओं ने उन्हें दर्शकों के दिलों में अमर कर दिया। उनकी अदाकारी की विशेषता उन्हें अन्य अदाकाराओं से अलग करती थी।
प्रिया राजवंश बॉलीवुड की उन अदाकाराओं में शुमार हैं, जिनकी फिल्मी यात्रा छोटी जरूर थी, लेकिन उनकी अदाकारी ने हमेशा दर्शकों के दिलों में एक गहरी छाप छोड़ी। 1960 के दशक में बॉलीवुड में कदम रखने वाली प्रिया ने सिर्फ सात फिल्मों में काम किया, लेकिन इन फिल्मों में उनके अभिनय को आज भी याद किया जाता है। उनकी अभिनय की खासियत उनकी मासूमियत और गहरी भावनाओं को पर्दे पर बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत करने में थी, जो उन्हें अन्य अदाकाराओं से अलग बनाती थी।
प्रिया राजवंश का जन्म 1940 के आसपास हुआ था, और उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लंदन में प्राप्त की थी। एक दिन लंदन में एक फोटोग्राफर ने उनकी तस्वीर खींची, जो बाद में फिल्म इंडस्ट्री तक पहुंची। इस तस्वीर को देखकर फिल्म निर्माता चेतन आनंद ने उन्हें अपनी फिल्म हकीकत(1964) में कास्ट किया। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल साबित हुई और प्रिया रातों-रात बॉलीवुड की स्टार बन गईं। इसके बाद वह चेतन आनंद की फिल्मों में लगातार नजर आईं और 1970 में हीर रांझा फिल्म में उनके अभिनय को विशेष रूप से सराहा गया।
चेतन आनंद और प्रिया राजवंश के रिश्ते का सफर सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री तक सीमित नहीं था। दोनों के बीच प्रेम संबंध विकसित हुआ, और चेतन ने अपनी पहली पत्नी से तलाक लेकर प्रिया से शादी की। लेकिन 1997 में चेतन के निधन ने प्रिया की जिंदगी को गहरे शोक में डुबो दिया।
चेतन के निधन के बाद प्रिया को उनकी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा मिला, और यह संपत्ति का विवाद बाद में उनकी हत्या का कारण बना। 27 मार्च 2000 को प्रिया की हत्या कर दी गई, और इस मामले में चेतन के दोनों बेटों को आरोपित किया गया। प्रिया राजवंश की अदाकारी हमेशा बॉलीवुड में याद की जाएगी, और उनकी पुण्यतिथि पर हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।