सूरमा से कमबैक की कहानी तक, Chitrangda Singh का सफर
फिल्मी दुनिया में चित्रांगदा सिंह की वापसी की कहानी
चित्रांगदा सिंह ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म ‘हजारों ख्वाहिशें ऐसी’ से की और गीता के किरदार से लोगों के दिलों में जगह बनाई। हाल ही में उन्होंने वेब सीरीज ‘खाकी: द बंगाल चैप्टर’ में अभिनय किया और कोलकाता में अभिषेक बच्चन के साथ शूटिंग की। चित्रांगदा का मानना है कि जब वह मीडिया से दूर होती हैं, तो वह अपने काम में पूरी तरह से डूबी रहती हैं।
चित्रांगदा सिंह का नाम हिंदी सिनेमा में एक ऐसा नाम बन चुका है, जो अक्सर अपनी चुनिंदा भूमिकाओं और खास पहचान के लिए चर्चा में रहता है। उनका जन्म जोधपुर में हुआ था, और वे बरेली व मेरठ में पली-बढ़ी हैं। उनकी जिंदगी का सफर काफी दिलचस्प रहा है, क्योंकि उन्होंने हमेशा अपनी फिल्मी करियर में ऊंच-नीच और आंख-मिचौली का खेल खेला है। जब वे सिनेमा में धमाकेदार काम करती हैं, तो लोग उनका बहुत इंतजार करते हैं, लेकिन फिर वे अचानक गायब हो जाती हैं। फिर जब वे लौटती हैं, तो एक नए अवतार में आकर फिर से धमाका करती हैं। यही चित्रांगदा का अंदाज है, और इसी कारण उनका फिल्म इंडस्ट्री में खास स्थान है।
चित्रांगदा सिंह ने बताया
चित्रांगदा सिंह ने हाल ही में वेब सीरीज ‘खाकी: द बंगाल चैप्टर’ में अभिनय किया। पश्चिम बंगाल, खासकर कोलकाता, उनके लिए बहुत खास है, क्योंकि यहाँ से जुड़ी उनकी कई यादें हैं। हालांकि इस बार उनकी अधिकतर शूटिंग मुंबई में ही हुई, लेकिन कुछ समय के लिए वह कोलकाता गईं, जहाँ उन्होंने ‘खाकी: द बंगाल चैप्टर’ और फिल्म ‘बॉब बिस्वास’ की शूटिंग की। इस दौरान वह अभिषेक बच्चन के साथ भी थीं, जो फिल्म के प्रमुख अभिनेता थे। अभिषेक कोलकाता की गलियों और यहाँ की संस्कृति से गहरे जुड़े हुए हैं और उन्होंने चित्रांगदा को कोलकाता के प्रसिद्ध बंगाली खाने का स्वाद चखाया। इसके अलावा, उन्होंने चित्रांगदा को वहाँ के एक प्रमुख मंदिर में भी जाने का अवसर दिया।
चित्रांगदा का मानना है कि जब वह मीडिया और सार्वजनिक जीवन से गायब होती हैं, तो लोगों को लगता है कि वह कहीं खो गईं हैं। लेकिन असल में, वह अपने काम में पूरी तरह से डूबी रहती हैं। अभिनय उनके लिए एक जुनून है, और जब वह अभिनय में व्यस्त होती हैं, तो उन्हें बाकी चीजों की परवाह नहीं होती। फुर्सत मिलने पर वह लेखन में भी रुचि रखती हैं और नए-नए रचनात्मक कार्यों में अपना समय लगाती हैं।
चित्रांगदा का करियर उनके डेब्यू फिल्म ‘हजारों ख्वाहिशें ऐसी’ से जुड़ा हुआ है। इस फिल्म में उनके निभाए गीता के किरदार को आज भी लोग याद करते हैं। यह फिल्म उनके करियर का मील का पत्थर साबित हुई और इसके बाद लोग उन्हें उनके किरदारों के नाम से पहचानने लगे। उनका मानना है कि अगर भविष्य में कोई ऐसा अवसर मिला, तो वह ‘सूरमा 2’ जैसी फिल्मों का हिस्सा बन सकती हैं।