पंचकूला के दो अस्पतालों पर गिरी गाज, ED ने ₹127 करोड़ की संपत्ति जब्त की
ED Action: ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने पंचकूला स्थित अल्केमिस्ट अस्पताल और ओजस अस्पताल से जुड़ी लगभग 127.33 करोड़ रुपये की संपत्ति ज़ब्त की है। ये दोनों अस्पताल करण दीप सिंह की बेनामी संपत्तियों में शामिल बताए जा रहे हैं। ईडी ने यह कार्रवाई पीएमएलए के तहत की है। यह मामला अल्केमिस्ट समूह और उसके निदेशकों, प्रमोटरों और उनसे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच का हिस्सा है। ईडी की जाँच कोलकाता पुलिस और बाद में लखनऊ सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी। इन कंपनियों पर धोखाधड़ी करके करोड़ों रुपये जुटाने और उसका दुरुपयोग करने का आरोप है।

ED Action: फर्जी निवेश से जुटाए 1848 करोड़ रुपये
ईडी के अनुसार, अल्केमिस्ट समूह की कंपनियों ने फर्जी निवेश योजनाओं के जरिए लोगों से 1848 करोड़ रुपये जुटाए थे। इन योजनाओं में प्लॉट, फ्लैट, विला देने के झूठे वादे किए गए और लोगों को असामान्य रूप से ऊंचे रिटर्न का लालच दिया गया। बाद में, इस पैसे को दूसरी कंपनियों के जरिए अलग-अलग संपत्तियों में निवेश किया गया। ईडी की जाँच में पता चला है कि धोखाधड़ी से प्राप्त इस धन को विभिन्न लेन-देन और कंपनियों के माध्यम से अस्पतालों के शेयर खरीदने और उनके निर्माण में निवेश किया गया। इन संपत्तियों को वैध दिखाने का प्रयास किया गया।

ED Action: 238.42 करोड़ रुपये की संपत्ति ज़ब्त
अलकेमिस्ट अस्पताल के 40.94% शेयर और ओजस अस्पताल के 37.24% शेयर सोरस एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर हैं, जो अलकेमिस्ट समूह के प्रमोटर कंवर दीप सिंह के बेटे करण दीप सिंह की कंपनी है। इस मामले में कंवर दीप सिंह को ईडी ने 12 जनवरी 2021 को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद 2 मार्च 2021 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया और फिर 19 जुलाई 2024 को एक पूरक आरोप पत्र दाखिल किया गया। अब तक ईडी इस मामले में 238.42 करोड़ रुपये की संपत्ति ज़ब्त कर चुका है। ईडी अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में आगे की जाँच अभी जारी है और आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासे हो सकते हैं।
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