Ganesh Chaturthi 2025: नारियल के रेशे, जूट, मिट्टी से बनाई 72 फीट की गणेश प्रतिमा, Eco-Friendly का दिया संदेश
Ganesh Chaturthi 2025: देश के अलग-अलग हिस्सों में आज गणेशोत्सव की धूम है। हर शहर, हर पंडाल अपनी थीम, अपनी परंपरा और अपनी भव्यता के साथ भगवान गणेश का स्वागत कर रहा है। इसी बीच आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में स्थापित 72 फीट की गणेश प्रतिमा भक्तों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। बता दें कि गणेश सेवा समिति की ओर से यह प्रतिमा बनाई गई है।
खास बात यह है कि यह प्रतिमा पूरी तरह से इको-फ्रेंडली है। समिति के सदस्यों के अनुसार, इस विशाल मूर्ति के निर्माण में नारियल के रेशे, जूट, मिट्टी, भूसी और बोरे जैसे प्राकृतिक व सुरक्षित सामग्री का उपयोग किया गया है, जिससे पर्यावरण और आने वाली पीढ़ियों को कोई नुकसान न हो।
Ganesh Chaturthi 2025
समिति के अनुसार, अब तक जहां कहीं भी 72 फीट ऊंची गणेश प्रतिमाएं स्थापित की गईं, वे सभी खड़ी मुद्रा में थीं। लेकिन इस बार विशेष रूप से भगवान गणपति को सिंहासन पर विराजित मुद्रा में दर्शाया गया है। इस बदलाव के चलते मूर्ति की चौड़ाई भी पिछले साल की तुलना में लगभग 30 फीट बढ़ गई है। इस भव्य प्रतिमा के निर्माण में लगभग 90 दिनों तक सैकड़ों कारीगरों ने दिन-रात मेहनत की।
Eco-Friendly Idol
मूर्ति के दोनों ओर भगवान परमेश्वर और मां कनक परमेश्वरी की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं। बुधवार सुबह इस प्रतिमा की पहली पूजा विजयवाड़ा के सांसद केसिनेनी शिवनाथ और उनकी पत्नी ने की। समिति ने बताया कि इसी मैदान में पहले एक बार पानी 5 फीट तक बढ़ गया था। उस समय भक्तों के सुरक्षित दर्शन सुनिश्चित करने के लिए एक फुट ओवर ब्रिज की व्यवस्था की गई। राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने समिति को आश्वासन दिया कि ऐसी स्थिति दोबारा नहीं होगी, और अपने वचन के अनुसार, उन्होंने गुडीमेट्टा में एक रिटेनिंग वॉल का निर्माण किया।
हर दिन होगा हवन और पूजा
हर सुबह हवन और शाम को विशेष पूजाएं आयोजित की जाएंगी। समिति का विश्वास है कि इस वर्ष कार्यसिद्धि महाशक्ति गणपति के दर्शन करने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होंगी। भक्तों के लिए दर्शन की व्यवस्था में कोई कमी न हो, इसके लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा के लिए पुलिस बल और निजी सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है, जिससे सभी भक्त खुशी-खुशी भगवान डुंडी गणपति के दर्शन कर सकें।