बुधवार के दिन पढ़ ली श्री गणेश जी की ये आरती तो कटेंगे सारे दुख, घर आएगी खुशहाली
03:54 PM Nov 12, 2025 IST | Khushi Srivastava
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Ganesh Ji ki Aarti: हिंदू धर्म में बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। देवों के देव महादेव और माता पार्वती के पुत्र भगवान श्री गणेश को विघ्नकर्ता का प्रतीक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि हर बुधवार के दिन जो भक्त इस दिन सच्चे मन से पूजा-अर्चना और आरती करते हैं। उनके सभी रूके हुए काम पूरे काम हो जाते हैं और उसके जीवन के सारे विघ्न दूर हो जाते हैं। इस लेख में गणेश जी की आरती बताई गई है, जो आप पढ़ सकते हैं।
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Ganesh Ji ki Aarti: गणेश जी की आरती

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जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी,
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी,
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी।
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जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी,
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
भगवान गणेश की जय, पार्वती के लल्ला की जय, ओम गं गणपतये नमः
गणेश वंदना

वर्णानामर्थसंघानां रसानां छन्दसामपि,
मंगलानां च कर्त्तारौ वन्दे वाणीविनायकौ।गजाननं भूत गणादि सेवितं,
कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
मंगलानां च कर्त्तारौ वन्दे वाणीविनायकौ।गजाननं भूत गणादि सेवितं,
कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्,
नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।

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