Ganesh Mantra: गणेश जी के इन शक्तिशाली मंत्रों का करें जाप, बन जाएंगे बिगड़े काम
Ganesh Mantra: हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय देवता कहा जाता है। किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले गणेश जी को जरूर याद किया जाता है। मान्यता है, महादेव ने गणेश जी को ये आशीर्वाद दिया था कि जब भी पूजा या कोई शुभ कार्य होगा तो सबसे पहले तुम्हें पूजा जाएगा। भगवान गणेश को ज्ञान, बुद्धि, विद्या और विवेक का देवता माना गया है, उनके मंत्रों का जाप करने से सारे काम निर्विघ्न पुरे होते हैं और कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है।
हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं के अलग-अलग मंत्र बताए गए हैं, जिनका जाप करने से देवी-देवता प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। इसी तरह भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए आपको कुछ मंत्र बताते हैं।
गणेश जी के मंत्र (Ganesh Mantra)
1. ॐ गं गणपतये नमो नमः
2. ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा॥
3. ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥
4. ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
5. ॐ श्रीम गम सौभाग्य गणपतये
वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः॥
6. एकदन्ताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नमः।
प्रपन्न जनपालाय प्रणतार्ति विनाशिने ॥
7. ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।
ग्लोम गणपति, ऋद्धि पति सिद्धि पति करो दर क्लेश ।।
8. ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।
9. दन्ताभये चक्रवरौ दधानं, कराग्रगं स्वर्णघटं त्रिनेत्रम् ।
धृताब्जयालिङ्गितमाब्धि पुत्र्या-लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे ॥
10. अमेयाय च हेरम्ब परशुधारकाय ते ।
मूषक वाहनायैव विश्वेशाय नमो नमः ॥
11. विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं ।
नागाननाथ श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते ॥
12. गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत् ॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित् ।
13. ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा ॥
14. ॐ श्रीम गम सौभाग्य गणपतये
वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः॥
15. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
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Budhwar Puja Vidhi: हिंदू धर्म में बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। भगवान गणेश देवों के देव महादेव और माता पार्वती के पुत्र हैं। भगवान गणेश को विघ्नकर्ता का प्रतीक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि हर बुधवार के दिन जो भक्त इस दिन सच्चे मन से उपवास और पूजा- अर्चना करते हैं उनके सभी अटके हुए काम पूरे काम हो जाते हैं। आज 27 अगस्त बुधवार को गणेश चतुर्थी का पवन उत्सव मनाया जा रहा है। भादौ महीने की इस गणेश चतुर्थी पर गणपति को सिद्धि विनायक रूप में पूजने की परंपरा है।
ऐसी मान्यता है कि गणेश जी के इस रूप की पूजा भगवान विष्णु ने की थी और उन्होंने ही गणेश जी को सिद्धि विनायक नाम भी दिया। गणेश जी के सिद्धि विनायक रूप की पूजा हर मांगलिक काम से पहले होती है। हिंदू धर्म में किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य को शुरू करने से पहले भगवान गणपति बप्पा की पूजा की जाती है। सभी कष्टों को हरने वाले शिव पार्वती के प्रिय पुत्र, गणपति बप्पा को बुधवार का दिन समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त पूरी श्रद्धा से बप्पा की पूजा करता है उसका रुका हुआ कार्य पूरा हो जाता है।
Budhwar Puja Vidhi: बुधवार के दिन ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा
बुधवार की पूजा के लिए, सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और फिर ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) की ओर मुख करके आसन पर बैठें। इसके बाद, श्रद्धापूर्वक भगवान श्री गणेश और बुध देव का ध्यान करें। इसके बाद उस स्थान को पवित्र करके वहां भगवान गणेश की प्रतिमा को और इसके साथ ही बुध देव को हरे रंग के वस्त्र चढ़ाएं। पूजा के दौरान श्री गणेश और बुध देव के मंत्रों का जाप करें और व्रत का संकल्प करें। आगे पढ़ें...