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मध्य प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में लोगों को अमीर बनने का लालच देकर ठगी करने वाले गिरोह का उत्तर प्रदेश की ललितपुर पुलिस ने खुलासा किया है। करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने वाली चिट फंड कंपनी के मुख्य सरगना को पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। वहीं, उसके अन्य साथियों की तलाश जारी है। ललितपुर पुलिस ने 500 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले ठग आलोक कुमार जैन को गिरफ्तार किया है। इसके अन्य साथियों ने भी इसी तरह की ठगी की है। आरोपी आलोक जैन ने कुछ लोगों के साथ मिलकर एलयूसीसी नाम से फर्जी चिटफंड कंपनी बनाकर 18 हजार लोगों से ठगी की थी। यह ठगी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ कई अन्य राज्यों में भी की गई थी।
आलोक जैन की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने फर्जी कंपनी के अन्य सदस्यों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस ने ललितपुर में संचालित कंपनी के कार्यालय को सील कर दिया है और फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं। ललितपुर एसपी मुहम्मद मुश्ताक ने बताया कि आलोक जैन और उसके साथी रवि तिवारी ने ठगी के रुपयों से देश के कई राज्यों में करोड़ों रुपये की संपत्ति खरीदी थी। एलयूसीसी कंपनी लोगों को जल्दी अमीर बनने का लालच देकर रुपये इन्वेस्ट करने के लिए कहती थी। यह कंपनी उत्तर प्रदेश के साथ- साथ कई अन्य राज्यों में भी संचालित की जा रही थी। पुलिस ने LUCC कंपनी के खिलाफ एसआईटी जांच की, जिसमें फर्जी चिटफंड कंपनी का खुलासा हुआ। पुलिस ने आलोक जैन को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। जानकारी के अनुसार धनीराम अहिरवार नामक व्यक्ति ने ललितपुर की कोतवाली में एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने अपने साथ हुई धोखाधड़ी का जिक्र किया था। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की और उसके सामने जो तथ्य आए, वह चौंकाने वाले थे। LUCC चिट फंड कंपनी के नाम पर लोगों से सैकड़ों करोड़ की ठगी की गई। पुलिस ने इस मामले में दो प्रमुख आरोपियों अशोक जैन और रवि तिवारी के खिलाफ 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित करने के साथ एसआईटी का गठन किया। एक आरोपी अशोक जैन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया
पुलिस को जांच में पता चला है कि इस कंपनी के लोग उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश सहित देश के अलग-अलग राज्यों में लोगों को अमीर बनाने का सपना दिखाते थे और उनसे निवेश कराते थे। इस कंपनी के लोग निवेशकों को विभिन्न क्षेत्रों में निवेश कर बड़ी आमदनी का भरोसा भी दिलाते थे। इनके निशाने पर वे लोग होते थे, जिन्हें सरकार की ओर से बड़ा मुआवजा मिलता था। सिर्फ आलोक जैन ने ही लगभग 18,000 लोगों को ठगने का काम किया है। वह मूल रूप से ललितपुर का निवासी है मगर उसका ठिकाना मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल भी है। इस गिरोह में शामिल लोगों ने भोपाल, इंदौर, दिल्ली, मुंबई के अलावा कई अन्य स्थानों पर भी बड़े पैमाने पर जमीन-जायदाद खरीद करने में निवेश किया है।