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कॉलेज की राजनीति में दिलचस्पी लेने वाला बिश्नोई कैसे बना टॉप गैंगस्टर? Moosewala Murder से है कनेक्शन

15 साल पहले किसने सोचा था कि पंजाब के सुदूर गांव का एक लड़का कॉलेज की राजनीति की हलचल में इतना खो जाएगा कि एक दिन वह एक टॉप का गैंगस्टर बन जाएगा।

04:41 PM Jun 05, 2022 IST | Desk Team

15 साल पहले किसने सोचा था कि पंजाब के सुदूर गांव का एक लड़का कॉलेज की राजनीति की हलचल में इतना खो जाएगा कि एक दिन वह एक टॉप का गैंगस्टर बन जाएगा।

15 साल पहले किसने सोचा था कि पंजाब (Punjab) के सुदूर गांव का एक लड़का कॉलेज की राजनीति की हलचल में इतना खो जाएगा कि एक दिन वह एक टॉप का गैंगस्टर (Gangster) बन जाएगा, जो 700 से अधिक बदमाशों का नेतृत्व करेगा। 12 फरवरी 1992 को जन्मे लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) पंजाब के फिरोजपुर जिले के दुतरंवाली गांव में पला-बढ़ा और बाद में चंडीगढ़ आ गया। वह 2007-2009 तक सेक्टर 15 में डीएवी स्कूल में पढ़ा और फिर दो साल बाद पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से लॉ में डिग्री हासिल करने का विकल्प चुना।
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कॉलेज की राजनीति में थी बिश्नोई को दिलचस्पी  
पंजाब विश्वविद्यालय (Punjab Vishwavidyalaya) में छात्र राजनीति के मोह में किसी भी छात्र को आकर्षित करने और राजनीति और खून-खराबा की दुनिया में उलझाने की अत्यधिक क्षमता है। विश्वविद्यालय में छात्र चुनाव में कई बार खूनी मामला सामने आते रहे हैं। वहीं लॉरेंस भी इससे अछूता कैसे रहने वाला था। धीरे-धीरे छोटी-मोटी हाथापाई से शुरू होकर वह एक के बाद एक अपराध की सीढ़ियां चढ़ता रहा और आखिर में उस जगह पर पहुंच गया, जहां वह अभी है।
कॉलेज के पहले साल में चीटिंग करते पकड़ा गया था बिश्नोई 
सूत्रों का कहना है कि पहली बार लॉरेंस कॉलेज के पहले वर्ष के दौरान एक परीक्षा में नकल करते हुए पकड़ा गया था और यहां तक कि पकड़े जाने से बचने के लिए खिड़की से बाहर कूद गया था। वह प्रथम वर्ष में फेल हो गया, हालांकि, उसने स्नातक की पढ़ाई पूरी की। बिश्नोई एक बहुत सक्रिय छात्र राजनीतिक दल पंजाब विश्वविद्यालय (एसओपीयू) के छात्रों में भी शामिल हुआ और बाद में छात्र अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा। उस समय, संपत नेहरा और गोल्डी बरार (सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मुख्य आरोपी) दोनों ने उसके लिए प्रचार किया।
2013 में बरार और बिश्नोई ने कर दी थी एक शख्स की गोली मारकर हत्या 
तीनों को मारपीट के कई मामलों में शामिल पाया गया और 2013 में बरार और बिश्नोई ने चुनाव में एक प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद बिश्नोई पूरी तरह से अपराध की दुनिया में कदम रख दिया और तब से उसका जेलों से लगातार दीदार होता रहा। बाद में बिश्नोई राजस्थान में अंडरग्राउंड हो गया और कुछ साल बाद फिर सुर्खियों में आया, जब उसने काला हिरण हत्या मामले में कथित संलिप्तता के लिए सलमान खान को मारने की कसम खाई। जून 2021 में, बिश्नोई को तिहाड़ जेल भेज दिया गया था और तब से वह कई बार जेल परिसर के अंदर से अपने गिरोह को चलाते पाया गया।
सिद्धू मुसेवाला हत्याकांड में भी है बिश्नोई का हाथ 
अब मई 2022 में, 29 वर्षीय बिश्नोई ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरीं, जब उसका नाम पंजाबी गायक शुभदीप सिंह सिद्धू (Sidhu Moosewala Murder Case) की निर्मम हत्या में सामने आया। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की हिरासत में बिश्नोई ने यहां तक माना है कि मूसेवाला की हत्या के लिए उसका गिरोह जिम्मेदार है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा, जेल में बंद होने के कारण अपनी भूमिका से इनकार करते हुए बिश्नोई ने स्वीकार किया है कि हत्या (मूसेवाला की हत्या) के लिए उसका गिरोह जिम्मेदार हो सकता है।
अभी मकोका (महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम) मामले में तिहाड़ जेल में बंद, बिश्नोई कथित तौर पर दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब में उसके खिलाफ दर्ज पांच दर्जन से अधिक आपराधिक मामलों में शामिल है। इस बीच, लॉरेंस बिश्नोई के भतीजे सचिन बिश्नोई ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली है।

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