Gangubai एक्ट्रेस Seema Pahwa छोड़ना चाहती फिल्में, बोली - क्रिएटिव लोगों का हो रहा मर्डर
बॉलीवुड छोड़ने का मन बना चुकीं सीमा पाहवा
सीमा पाहवा ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कहने का मन बना लिया है। उन्होंने कहा कि अब इंडस्ट्री में क्रिएटिव लोगों की कोई कद्र नहीं बची है और यह पूरी तरह से बिजनेस माइंडेड लोगों के हाथ में चली गई है। सीमा ने थिएटर की ओर रुख किया है, जहां उन्हें क्रिएटिव संतुष्टि मिल रही है।
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी बेहतरीन अदाकारी से पांच दशक से दर्शकों के दिलों पर राज करने वाली सीमा पाहवा ने हाल ही में एक ऐसा बयान दिया है, जिसने सभी को चौंका दिया है। बता दें, हाल ही में वह इंडस्ट्री को लेकर काफी निराश दिखीं और साफ तौर पर कह दिया कि अब वो इसे अलविदा कहने का मन बना चुकी हैं।
क्रिएटिव लोगों का मर्डर
सीमा पाहवा ने एक इंटरव्यू में कहा कि मौजूदा वक्त में फिल्म इंडस्ट्री की हालत बेहद खराब हो चुकी है। उन्होंने कहा, “लगता है अब इस इंडस्ट्री को नमस्ते करने का वक्त आ गया है। जिस इंडस्ट्री में मैंने अपना जीवन खपाया, वही अब पूरी तरह से बिजनेस माइंडेड लोगों के हाथ में चली गई है। उन्होंने क्रिएटिव लोगों का मर्डर कर दिया है।”
पुराने जमाने के लोग कहा जाता है
इसके साथ ही एक्ट्रेस ने इंडस्ट्री के बदलते रवैये को लेकर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि अब क्रिएटिविटी की कोई अहमियत नहीं बची है। “यहां सिर्फ पैसे की बात होती है। ऐसा लगता है जैसे हमारे जैसे कलाकारों की अब जरूरत ही नहीं है। हमें ‘पुराने जमाने’ के लोग कहा जाता है, ये कहते हैं कि हमारी सोच अब आउटडेटेड हो चुकी है।”
सिर्फ बड़े बजट वाली फिल्में
सीमा का मानना है कि अब फिल्में सिर्फ बड़े बजट, बड़े सितारे और तय फॉर्मूलों के इर्द-गिर्द ही बनाई जा रही हैं, जबकि कम बजट और अच्छे कंटेंट वाली फिल्मों को जगह नहीं दी जा रही है। एक्ट्रेस ने आगे कहा “अगर आप अच्छी कहानी पर कम बजट की फिल्म बनाते हैं, तो उसमें से 5 में से 2 जरूर चलेंगी। लेकिन यहां सिर्फ वही फिल्म बनाई जाती है जो पहले से चलती आ रही हैं। यही वजह है कि मुझे नहीं लगता कि हम जैसे कलाकार अब फिल्मों में वो सम्मान और काम पाएंगे, जो हम डिजर्व करते हैं।”
The Family Man फेम एक्टर Rohit Basfore का हुआ निधन, जंगल में मिला शव
इतना ही नहीं सीमा ने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को लेकर भी अपनी चिंता जाहिर की और कहा कि वहां की भी अपनी समस्याएं हैं। ऐसे माहौल में उन्होंने खुद को थिएटर की ओर मोड़ लिया है, जहां उन्हें क्रिएटिव सैटिस्फैक्शन मिल रहा है।
थिएटर में लौट आई
इंडस्ट्री में अपने 55 साल पूरे कर चुकी सीमा पाहवा ने भावुक होते हुए कहा, “जब कोई आकर कहता है कि किसी के 5 साल मेरे 55 साल से ऊपर हैं, तो बहुत दुख होता है। यही वजह है कि मैंने फिल्मों से दूरी बनानी शुरू की और थिएटर में लौट आई। मैं अब जो कर रही हूं, उससे खुश हूं।” सीमा पाहवा के इस बयान ने इंडस्ट्री में एक नई बहस छेड़ दी है कि क्या बॉलीवुड में अब अनुभव और कला की जगह सिर्फ मुनाफा और ब्रांडिंग ने ले ली है?