Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

केंद्रीय बजट में जेंडर बजट आवंटन 2025-26 में बढ़कर 8.86% हुआ

2025-26 के केंद्रीय बजट में जेंडर बजट में 8.86% की बढ़ोतरी

03:18 AM Feb 02, 2025 IST | Rahul Kumar

2025-26 के केंद्रीय बजट में जेंडर बजट में 8.86% की बढ़ोतरी

वित्त वर्ष 2025-26 में 8.86 प्रतिशत

केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2025 को संसद में केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया। कुल केंद्रीय बजट में जेंडर बजट आवंटन का हिस्सा वित्त वर्ष 2024-25 के 6.8 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2025-26 में 8.86 प्रतिशत हो गया है।

वित्त वर्ष 2025-26 के जेंडर बजट विवरण में महिलाओं और बालिकाओं के कल्याण के लिए 4.49 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। यह वित्त वर्ष 2024-25 के जीबीएस 3.27 लाख करोड़ रुपए से 37.25 प्रतिशत अधिक है।

महिलाओं के लिए 30-99 प्रतिशत आवंटन

इन 49 मंत्रालयों/विभागों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों ने जेंडर बजट विवरण के भाग ए, भाग बी और भाग सी में आवंटन की सूचना दी है। भाग ए (100 प्रतिशत महिला विशिष्ट योजनाएं) में 17 मंत्रालयों/विभागों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 1,05,535.40 करोड़ रुपये (कुल जीबीएस आवंटन का 23.50 प्रतिशत) की सूचना दी गई है; भाग बी (महिलाओं के लिए 30-99 प्रतिशत आवंटन) में 37 मंत्रालयों/विभागों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 3,26,672.00 करोड़ रुपये (72.75 प्रतिशत) की सूचना दी गई है और भाग सी (महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत से कम आवंटन) में 22 मंत्रालयों/विभागों द्वारा 16,821.28 करोड़ रुपये (3.75 प्रतिशत) की सूचना दी गई है ।

उच्च शिक्षा विभाग 33.94 प्रतिशत

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जेंडर बजट में 30 प्रतिशत से अधिक आवंटन की रिपोर्ट करने वाले शीर्ष 10 मंत्रालय/विभाग हैं: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (81.79 प्रतिशत), ग्रामीण विकास विभाग (65.76 प्रतिशत), खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (50.92 प्रतिशत ), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग (41.10 प्रतिशत), नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (40.89 प्रतिशत), सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग (39.01 प्रतिशत), उच्च शिक्षा विभाग (33.94 प्रतिशत), स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (33.67 प्रतिशत), गृह  मंत्रालय (33.47 प्रतिशत) और पेयजल और स्वच्छता विभाग (31.50 प्रतिशत)।

Advertisement
Advertisement
Next Article