If I do not enter anybody's domain, they also have no right to enter my domain.... Gambhir का फूटा गुस्सा
GG IPL Owner Controversy: भारतीय क्रिकेट में Emotions हमेशा चरम पर रहती हैं। जब टीम जीतती है, तो पूरा देश जश्न मनाता है और जब टीम हारती है, तो आलोचना भी जोरदार होती है। यही माहौल हाल ही में तब देखने को मिला जब भारत की टेस्ट टीम को लगातार दो मैच हारने पड़े। हार के बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने अपनी राय रखी, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा हुई एक IPL टीम के मालिक और भारतीय टीम के कोच के बीच हुए टकराव की।
IPL मालिक ने सार्वजनिक रूप से टीम की आलोचना की और दावा किया कि टीम सही खिलाड़ियों को नहीं चुन रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को टेस्ट मैचों के लिए एक अलग कोच की जरूरत है। यह बयान काफी तेजी से वायरल हुआ और क्रिकेट फैन्स के बीच बहस छिड़ गई कि क्या एक फ्रैंचाइज़ी मालिक को भारतीय टीम की कोचिंग पर टिप्पणी करनी चाहिए।
दूसरी तरफ, भारतीय टीम के कोच Gautam Gambhir ने सार्वजनिक तौर पर कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि बाहर के लोग टीम के कामकाज को समझे बिना टिप्पणी न करें। कोच का मानना था कि टीम बनाने में बहुत मेहनत लगती है और हर किसी को अपनी सीमा में रहकर ही बात करनी चाहिए।
GG IPL Owner Controversy: बहस की असली जड़: किसकी क्या सीमा?
भारतीय कोच Gautam Gambhir ने बिना किसी का नाम लिए एक सख्त Message दिया हर किसी की अपनी एक जिम्मेदारी और कार्यक्षेत्र होता है। उनका कहना था कि जैसे वह किसी IPL टीम के मालिक के काम में दखल नहीं देते, वैसे ही बाहर के लोग भी भारतीय टीम की कोचिंग में दखल न दें। उन्होंने कहा कि अगर कोई किसी के डोमेन में नहीं जाता, तो दूसरों को भी उसकी सीमा में दखल नहीं देना चाहिए।
Gautam Gambhir की इस बात ने कई लोगों का ध्यान खींचा। क्रिकेट विशेषज्ञों ने भी माना कि National Team का कामकाज और फ्रैंचाइज़ी टीमों का कामकाज दो अलग चीज़ें हैं। दोनों का दबाव अलग होता है और उनकी जिम्मेदारियाँ भी अलग। ऐसे में, दोनों को अपने-अपने क्षेत्र में रहकर ही राय देनी चाहिए।
GG IPL Owner Controversy: हार का असली कारण और खिलाड़ियों की मेहनत
भारत की हार के बाद सोशल मीडिया पर खिलाड़ियों की आलोचना भी हुई। लेकिन कोच ने इस पर कहा कि लोग सिर्फ नतीजे देखते हैं, मेहनत नहीं। उन्होंने यह भी बताया कि टीम की हार के पीछे कुछ महत्वपूर्ण वजहें थीं, जिन्हें लोग नज़रअंदाज़ कर रहे हैं। कुछ खिलाड़ी चोट के कारण पूरा मैच नहीं खेल पाए और टीम को इससे बड़ा नुकसान हुआ।
कोच ने कहा कि हर खिलाड़ी देश के लिए खेलता है और मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करता है। इसलिए बिना पूरी जानकारी के किसी खिलाड़ी या कोच को ‘कमजोर’ कहना गलत है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि एक हार पूरे सिस्टम को खराब नहीं दिखाती। टीम ने पहले भी मुश्किल हालात से वापसी की है और आगे भी करेगी।
अंत में, यह पूरा मामला सिर्फ हार या जीत का नहीं, बल्कि सम्मान और सीमाओं का है। किसी भी प्रोफेशन में तभी अच्छे नतीजे आते हैं जब लोग एक-दूसरे के डोमेन का सम्मान करें। कोच और टीम अपना काम ईमानदारी से कर रही है, और उम्मीद है कि आगे भी टीम इंडिया मैदान पर मजबूत वापसी करेगी।
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