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गिरिराज सिंह का राहुल पर तंज, कहा- उधार के 'सरनेम' से कोई गांधी नहीं होता

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शनिवार को कहा कि उधार का ‘सरनेम’ लेने से कोई गांधी नहीं होता, कोई देशभक्त नहीं बनता। उन्होंने कहा कि देशभक्त होने के लिए रगों में शुद्घ हिंदुस्तानी रक्त चाहिए।

10:43 AM Dec 14, 2019 IST | Desk Team

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शनिवार को कहा कि उधार का ‘सरनेम’ लेने से कोई गांधी नहीं होता, कोई देशभक्त नहीं बनता। उन्होंने कहा कि देशभक्त होने के लिए रगों में शुद्घ हिंदुस्तानी रक्त चाहिए।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शनिवार को कहा कि उधार का ‘सरनेम’ लेने से कोई गांधी नहीं होता, कोई देशभक्त नहीं बनता। उन्होंने कहा कि देशभक्त होने के लिए रगों में शुद्घ हिंदुस्तानी रक्त चाहिए। बिहार के बेगूसराय से सांसद गिरिराज ने बिना किसी का नाम लिए अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, “वीर सावरकर तो सच्चे देशभक्त थे। उधार का सरनेम लेने से कोई गांधी नहीं होता, कोई देशभक्त नहीं बनता। देशभक्त होने के लिए रगों में शुद्घ हिंदुस्तानी रक्त चाहिए। वेश बदलकर बहुतों ने हिंदुस्तान को लूटा है, अब यह नहीं होगा।”
इस ट्वीट के साथ भाजपा के फायरब्रांड नेता कहे जाने वाले सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की तस्वीर साझा करते हुए सवाल पूछा कि ये तीनों कौन है? क्या ये तीनों देश के आम नागरिक हैं? जाहिर है गिरिराज सिंह ने पूरे गांधी परिवार को विदेशी ठहराने के मुद्दे को लेकर यह ट्वीट किया है। 


केंद्रीय मंत्री ने यह ट्वीट कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के उस बयान के बाद में किया है, जिसमें राहुल ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि उनका नाम ‘राहुल सावरकर’ नहीं है, वह राहुल गांधी हैं और माफी नहीं मांगेंगे। 

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राहुल ने दिल्ली के रामलीला मैदान में शनिवार को कांग्रेस की ओर से आयोजित भारत बचाओ रैली को संबोधित करते हुए कहा, “कल संसद में भाजपा के नेता मुझसे माफी की मांग कर रहे थे। लेकिन मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि मेरा नाम ‘राहुल सावरकर’ नहीं है, मैं राहुल गांधी हूं। मैं सच बोलने के लिए माफी नहीं मागूंगा।” 
राहुल का इशारा हिंदूवादी नेता दिवंगत विनायक दामोदर सावरकर द्वारा 14 नवंबर, 1913 को ब्रिटिश सरकार को लिखे गए माफी पत्र की तरफ था, जिसे उन्होंने अंडमान के सेलुलर जेल में बंद रहने के दौरान लिखा था। 
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