16 की उम्र में खोई सुनने की शक्ति, लेकिन नहीं मानी हार और बनीं IAS
सिविल सर्विसेज एग्जाम को देश की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है। इस परीक्षा की तैयारी करने में अच्छे-अच्छो की हालत खस्ता हो जाती है।
01:21 PM Aug 17, 2019 IST | Desk Team
सिविल सर्विसेज एग्जाम को देश की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है। इस परीक्षा की तैयारी करने में अच्छे-अच्छो की हालत खस्ता हो जाती है। ऐसे में श्रवण-बाधित सौम्या शर्मा जिन्होंने यूपीएससी का पहले ही प्रयास में ये एग्जाम पास कर लेना उनकी काबिलियत के बारे में बहुत कुछ कहता है। सौम्या ने इसे फस्र्ट अटेम्प्ट में क्लियर ही नहीं किया बल्कि टॉप टेन में अपनी जगह बनाई है। खास बात यह है कि सौम्या ने बिना किसी कोचिंग लिए इस पेपर की पढ़ाई की और उन्होंने आल इंडिया 9 वीं रैंक हासिल करी है।
Advertisement
16 साल की उम्र में हुई ये परेशानी
दिल्ली की रहने वाली सौम्या ने 16 साल की उम्र में अपनी सुनने की क्षमता खो दी थी जिसके बाद उन्हें सुनने वाली मशीन का सहारा लेना पड़ा। लेकिन उन्होंने इस परेशानी को कभी भी अपनी कमी नहीं बनने दिया। अपनी इस न सुनने की पेरशानी को पार करते हुए सौम्या ने 23 साल की उम्र में बिना किसी कोचिंग के सिविल सेवा का एग्जाम दिया। इतना ही नहीं सौम्या ने 102 वायरल बुखार से पीडि़त होने के दौरान भी यूपीएससी सिविल सेवा का पेपर दिया था।
सौम्या के मुताबिक UPSC की परीक्षा को क्लियर करना किसी भी दूसरे एग्जाम को क्लियर करने जैसा ही था। जहां पर आपको उचित योजना और अच्छी रणनीति की आवश्यकता होती है। सौम्या ने कॉलेज के दिनों यानि साल 2017 से ही अपनी UPSC की तैयारी करनी शुरू कर दी थी और उसी साल सौम्या ने UPSC प्रीलिम्स और UPSC मेन्स परीक्षा दी।
सुनाई ना देने की वजह से सौम्या को विकलांग व्यक्ति की श्रेणी में शामिल किया गया। लेकिन उन्होंने विकलांग कोटा के तहत यूपीएससी सिविल सेवा के फॉर्म को भरने से मना कर दिया और उन्होंने जनरल केटेगरी का विकल्प का चयन किया।
सौम्या की करंट अफेयर में काफी ज्यादा रुचि है। अपनी इसी लगन और मेहनत के चलते उन्होंने पहली बार में ही इस कड़ी परीक्षा को पास कर लिया। वर्तमान समय में सौम्या साउथ वेस्ट दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट के अंतर्गत बतौर असिस्टेंट कमिशनर ट्रेनिंग चल रही है।
Advertisement