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पहलू खान और उसके दोनों बेटों के खिलाफ गो तस्करी का मामला रद्द

राजस्थान उच्च न्यायालय ने पहलू खान, उसके दो बेटों और एक ट्रक चालक के खिलाफ गोकशी के लिये गायों को अवैध तरीके से ले जाने के आरोप में दर्ज मामले को रद्द कर दिया। पहलू की अप्रैल 2017 में कथित गौ रक्षकों ने हत्या कर दी थी।

02:30 PM Oct 30, 2019 IST | Shera Rajput

राजस्थान उच्च न्यायालय ने पहलू खान, उसके दो बेटों और एक ट्रक चालक के खिलाफ गोकशी के लिये गायों को अवैध तरीके से ले जाने के आरोप में दर्ज मामले को रद्द कर दिया। पहलू की अप्रैल 2017 में कथित गौ रक्षकों ने हत्या कर दी थी।

राजस्थान उच्च न्यायालय ने पहलू खान, उसके दो बेटों और एक ट्रक चालक के खिलाफ गोकशी के लिये गायों को अवैध तरीके से ले जाने के आरोप में दर्ज मामले को रद्द कर दिया। पहलू की अप्रैल 2017 में कथित गौ रक्षकों ने हत्या कर दी थी।
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न्यायमूर्ति पंकज भंडारी की एकल पीठ ने ‘राजस्थान गोवंश संरक्षण कानून’ और अन्य धाराओं के तहत चारों के खिलाफ दर्ज मामले और आरोप पत्र को रद्द करते हुए कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जो रेखांकित करता हो कि गायों को गोकशी के लिए ले जाया जा रहा था। 
अदालत ने यह फैसला ट्रक चालक खान मोहम्मद और पहलू खान के दो बेटों की ओर से दायर याचिका पर सुनाया। 
आरोपियों की ओर से पेश वकील कपिल गुप्ता ने कहा कि आपराधिक मामला कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है क्योंकि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे साबित हो कि गायों को गोकशी के लिए ले जाया जा रहा था। 
गुप्ता ने दावा किया कि चिकित्सा विशेषज्ञों ने साबित किया था कि गायें दुधारू थीं और उनके बछड़े केवल एक महीने के थे। उन्होंने कहा कि स्थानीय बाजार से गायों को खरीदा गया, यह साबित करने के लिए उनके पास रसीद भी थी। 
फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पहलू खान के बेटे इरशाद ने फोन पर बताया, ‘‘ उच्च न्यायालय द्वारा मुझपर और मेरे भाई पर दर्ज मामले और आरोप पत्र को रद्द किये जाने से हम खुश हैं। हम गायों को गोकशी के लिए नहीं ले जा रहे थे लेकिन हम पर हमला हुआ। आज हमारे साथ न्याय हुआ।’’ 
उल्लेखनीय है कि एक अप्रैल 2017 को 55 वर्षीय पहलू खान, उनके दो बेटे और अन्य लोग गाय ले जा रहे थे तभी अलवर जिले के बहरोड़ में कथित गौ रक्षकों की भीड़ ने रोककर उनकी पिटाई कर दी। खान की तीन अप्रैल 2017 को इलाज के दौरान मौत हो गई थी। 
अलवर की अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए इस साल 14 अगस्त को पहलू खान की पिटाई करने के मामले में सभी छह आरोपियों को बरी कर दिया था। हालांकि, राजस्थान सरकार ने इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की है।
निचली अदालत से बरी होने के बाद राज्य सरकार ने जांच में खामियों एवं अनियमितताओं का पता लगाने और जांच अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की। 
गौरतलब है कि खान एवं अन्य जयपुर से हरियाणा के नूंह जा रहे थे तभी बहरोड़ में दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कथित गौ रक्षकों ने उन्हें रोक लिया था। 
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