गोवा अग्निकांड मामले में बड़ा अपडेट, कोर्ट ने की लूथरा भाइयों की जमानत याचिका खरिज
Goa Night Club Fire News: गोवा के मडगांव स्थित बिर्च बाय रोमियो लेन रेस्टोरेंट में हुए अग्निकांड में रेस्टोरेंट के मालिक गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा की अग्रिम जमानत याचिका पर दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में सुनवाई हुई। गोवा पुलिस ने दोनों की जमानत का कड़ा विरोध किया और कहा कि ये लोग जांच से बचने के लिए जानबूझकर विदेश भाग गए थे।
Rohini Court On Goa Night Club Fire: क्या है पूरा मामला?
गोवा पुलिस की तरफ से पेश हुए वकील अभिनव मुखर्जी ने कोर्ट को कई सबूत पेश किए। उन्होंने बताया कि रेस्टोरेंट चलाने के लिए जरूरी लाइसेंस ही नहीं थे। पंचायत लाइसेंस पहले ही एक्सपायर हो चुका था और उसे रिन्यू नहीं कराया गया। जीएसटी रजिस्ट्रेशन में गौरव लूथरा, सौरभ लूथरा और अजय गुप्ता को पार्टनर दिखाया गया है। एफएसएसएआई और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के लाइसेंस के लिए भी सौरभ लूथरा ने ही आवेदन किया था। यानी दोनों भाई रेस्टोरेंट के संचालन में पूरी तरह शामिल थे।
Goa News: कोर्ट रूम में क्या-क्या हुआ?
पुलिस ने कोर्ट को बताया कि आग लगने की घटना के तुरंत बाद दोनों भाइयों ने भागने की तैयारी शुरू कर दी। रात 1.15 बजे थाईलैंड की फ्लाइट बुक की गई और 7 दिसंबर की सुबह पांच बजे वे उड़ान भरकर बैंकॉक चले गए। पुलिस जब उनके घर पहुंची तो मां और पत्नी ने कहा कि उन्हें पता नहीं कि वे कहां हैं और यहां तक कि फोन नंबर भी देने से इनकार कर दिया। पुलिस का कहना है कि थाईलैंड में उनका कोई बिजनेस नहीं था। यह सब सिर्फ जांच और गिरफ्तारी से बचने के लिए किया गया। इसके बाद नॉन-बेलेबल वारंट जारी हुआ, एलओसी खोला गया और 9 दिसंबर को ब्लू कॉर्नर नोटिस भी जारी कर दिया गया।
गोवा पुलिस ने क्या बताया?
गोवा पुलिस ने यह भी कहा कि रेस्टोरेंट में सिर्फ एक संकरा रास्ता था, जिससे निकलना मुश्किल था। फायर डिपार्टमेंट की एनओसी भी नहीं थी, फिर भी फायर शो आयोजित किया गया। इसी वजह से कई मासूम लोग फंस गए और उनकी जान गई। पुलिस ने आरोपियों की मेडिकल हिस्ट्री को भी फर्जी बताया। उनका कहना था कि अगर ये लोग सचमुच 6 दिसंबर को थाईलैंड गए होते और बाद में घटना होती तो बात अलग थी, लेकिन ये जानबूझकर भागे हैं।
Goa Night Club Fire News: अग्रिम जमानत पर वकीलों ने क्या कहा?
वकील ने कोर्ट से अपील की कि ऐसे लोगों को अग्रिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए जो कोर्ट के सामने झूठ बोलते हैं और जांच में रुकावट डालते हैं। कानून सिर्फ कानून मानने वालों की मदद करता है। पुलिस ने साफ कहा कि दोनों भाइयों को जांच में सहयोग करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने उल्टा अधिकारियों को गुमराह किया। अब कोर्ट इस मामले में आगे की सुनवाई करेगा।