Godhra कांड: फायर ब्रिगेड की देरी से बढ़ी मौतें, फायर अधिकारी ने बताया सच
फायर ब्रिगेड की देरी से जानें गईं, अधिकारी ने खोला राज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ 2002 में गुजरात के गोधरा कांड के बारे में खुलकर बात की। पीएम मोदी ने उस समय के विपक्ष पर झूठ फैलाने और सरकार की छवि को खराब करने का आरोप लगाया। गोधरा कांड के समय के फायर अधिकारी विनय शर्मा और गोधरा के सीनियर एडवोकेट पीयूष गांधी ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से उस समय के हालात के बारे में चर्चा की।
गोधरा कांड में काफी लोगों की जान बचाने वाले उस समय के गोधरा पालिका के फायर विभाग के अधिकारी विनय शर्मा सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे थे। उन्होंने बताया, “ट्रेन के कोच के अंदर बहुत भंयकर आग थी, अंदर जाना काफी मुश्किल था, लेकिन मैंने थोड़ी हिम्मत करके अंदर जाने का प्रयास किया। अंदर लोग बहुत बुरी तरह से जल गए थे और कुछ लोग जल रहे थे।
उन्होंने बताया, “हादसे के बाद कुछ लोगों ने पत्थरबाजी करके कुछ दूरी पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को रुकवा दिया था। फायर ब्रिगेड की गाड़ी देर से पहुंचने के कारण कुछ लोग ज्यादा जल गए। अगर हम समय से पहुंच जाते तो शायद कुछ की जान बच जाती। पुलिस को दिए बयान में मैंने पूरी बात बताई थी। घटना से कुछ समय पहले मामूली शिकायत के लिए गाड़ी का पंप तुड़वा दिया गया था। वहीं, दूसरी गाड़ी में जो परेशानी थी, उसे हम लोगों ने सुबह करीब 7.30 बजे ठीक कर दिया था, जैसे उसे ठीक किया तो हमें आग की सूचना मिली।”
गोधरा के सीनियर एडवोकेट पीयूष गांधी ने बताया, “गुजरात और पूरे भारत में राम जन्मभूमि आंदोलन तेज हो रहा था। उसके लिए सभी माला जपते थे। इसी बीच गुजरात से कारसेवकों की टीम अयोध्या गई और वहां पर स्नान किया। बाद में वापस आते समय विधर्मी लोग हादसे वाली जगह के पास एक मस्जिद में इकट्ठे हुए और प्लान बनाया। पेट्रोल छिड़ककर लोगों ने आग लगा दी, जिसमें 60 लोगों की जलकर मौत हो गई।”