मिडिल क्लास टैक्सपेयर के लिए खुशखबरी, ₹10,50,000 तक की सैलरी पर नहीं लगेगा टैक्स!
मिडिल क्लास के लिए बजट में टैक्स कटौती का प्रस्ताव
आज के समय हर कोई अधिक टैक्स से परेशान है। इस बीच मिडिल क्लास टैक्सपेयर के लिए एक बड़ी खाबर सामने आ रही है। बता दें, सरकार 10.5 लाख रुपये तक की सैलरी कमाने वाले के लिए टैक्स को कम करने का विचार कर रही है। जिसका उद्देश्य धीमी अर्थव्यवस्था और उच्च मुद्रास्फीति के बीच खपत को बढ़ावा देना है।
मिडिल क्लास के लिए कम होगा टैक्स
मध्यम वर्ग के करदाताओं को सरकार से बड़ी राहत मिलने वाली है। जानकारी के अनुसार, कर को लेकर खबरें हैं कि सरकार इस बार के बजट में 10.5 लाख रुपये तक के वार्षिक वेतन पर कर देनदारी को कम कर सकती है। इसकी घोषणा 1 फरवरी 2025 को पेश होने वाले आगामी बजट में हो सकती है। इस प्रस्ताव का उद्देश्य धीमी अर्थव्यवस्था और बढ़ती महंगाई के बीच खपत को बढ़ावा देना है।
2 रिजीम में से चुनाव का विकल्प
ओल्ड रिजीम: जिसमें हाउस रेंट और बीमा जैसी छूट शामिल हैं।
न्यू रिजीम (2020): जो कम टैक्स दरों के साथ आता है लेकिन अधिकांश छूट हटा दी जाती हैं।
प्रस्तावित कटौती के जरिए सरकार अधिक लोगों को 2020 के स्ट्रक्चर को अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहती है।
आर्थिक और राजनीतिक संदर्भ
जुलाई-सितंबर 2024 में भारत की GDP वृद्धि सात तिमाहियों में सबसे कमजोर रही है। खाद्य मुद्रास्फीति के कारण शहरी परिवारों की आय पर दबाव बढ़ा है, जिससे वाहनों, घरेलू सामानों और व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों की मांग प्रभावित हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो उपभोक्ताओं के पास अधिक डिस्पोजेबल इनकम होगी, जिससे भारत की आर्थिक गतिविधियां तेज हो सकती हैं।
सरकार की स्थिति
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, टैक्स कटौती के आकार और अन्य विवरणों को अंतिम रूप देने का निर्णय बजट की तारीख के निकट लिया जाएगा। हालांकि, वित्त मंत्रालय ने इस प्रस्ताव या इसके कारण राजस्व पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।