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अर्थव्यवस्था की प्रतिस्पर्धिता बढ़ने के लिए गुणवथा क्रांति महत्वपूर्ण : प्रभु

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12:27 PM Nov 26, 2017 IST | Desk Team

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बेंगलुरु : केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र के बढ़ते महत्व को देखते हुए सरकार इस क्षेत्र में गुणवथा क्रांति लाने को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता के विस्तार के लिए गुणवथा आंदोलन मुख्य आधार है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा यहां आयोजित 25वें राष्ट्रीय गुणवथा सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में अपने वीडियो संदेश में प्रभु ने कहा, सेवा क्षेत्र में गुणवथा क्रांति लाना हमारी प्राथमिकता है क्योंकि यह क्षेत्र उथरोथर हमारी अर्थव्यवस्था की बड़ शक्ति बनता जा रहा है। यह रोजगार देने वाला प्रमुख क्षेत्र है।

 दो दिन तक चलने वाले गुणवथा का विकास: नवोन्मेष की राह की यात्रा विषय पर आयोजित इस सम्मेलन की आज शुरुआत हुई। प्रभु ने कहा, भारतीय अर्थव्यस्था की प्रतिस्पर्धी क्षमता का विस्तार गुणवथा आंदोलन पर टिका है। सेवा और विनिर्माण कार्य में लगी कंपनियों को अपने उत्पादों की गुणवथा का स्तर विश्व के श्रेष्ठ उत्पादों के समकक्ष रखने का लक्ष्य रख घरेलू और विदेशी बाजार में कार्य करना चाहिए।उल्लेखनीय है कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा क्षेत्र का योगदान 53 प्रतिशत से अधिक है। सम्मेलन में कर्नाटक के सूचना प्रौद्योगिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी तथा पर्यटन मंत्री प्रियंक एम। खडगे ने कहा, गुणवथा संवर्धन में कौशल विकास और नवप्रवर्तन की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।

उन्होंने बताया कि नयी उभरती प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में कौशल विकास एवं प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है क्यों कि मशीन लनि’ग, कृत्रिम निगरानी, बिग डाटा, साइबर सुरक्षा, एनिमेशन और ब्लाक चेन जैसे प्रौद्योगिकी क्षेत्रों की भूमिका दस साल में काफी बढ़ गयी है। उन्होंने बताया कि कर्नाटक सरकार ने एक लाख 10 हजार विद्यार्थियों और पेशेवरों के प्रशिक्षण के लिए धन उपलब्ध काराने का फैसला किया है जिन्हें उद्योग जगत से प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र प्राप्त होगा। भारतीय निर्यात आयात बैंक के प्रबंध निदेशक डेविड रास्रन्हा ने कहा, निर्यातकों को न केवल ब्रांड बनाने में बल्कि उत्पाद और प्रक्रियाओं की गुणवथा निखारने पर भी निवेश करना होगा।

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