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गोपाल राय ने केंद्र को फिर लिखा पत्र, वायु प्रदूषण से निपटने के लिए संयुक्त योजना बनाने का किया अनुरोध

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक पत्र लिखकर उनसे सर्दियों में राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक संयुक्त कार्य योजना तैयार करने के वास्ते मिलने का समय मांगा है

03:07 PM Sep 09, 2022 IST | Desk Team

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक पत्र लिखकर उनसे सर्दियों में राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक संयुक्त कार्य योजना तैयार करने के वास्ते मिलने का समय मांगा है

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक पत्र लिखकर उनसे सर्दियों में राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक संयुक्त कार्य योजना तैयार करने के वास्ते मिलने का समय मांगा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार लोगों को स्वच्छ आबोहवा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है और अल्पकालिक व दीर्घकालिक उपायों पर काम कर रही है। इन उपायों को गर्मियों और सर्दियों के लिए कार्य योजनाओं के माध्यम से लागू किया जा रहा है।
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वही, राय ने कहा कि दिल्ली सरकार के प्रयासों से ही वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के ‘संतोषजनक’ (51 से 100) और ‘मध्यम’ (101 से 200) श्रेणी में दिन बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा कि गत दो वर्ष की तरह दिल्ली सरकार ने इस बार भी वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक शीतकालीन कार्य योजना तैयार की है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्री यादव को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले महीनों में दिल्ली को वायु प्रदूषण के संभावित खतरे से बचाने के लिए एक योजना तैयार करने के वास्ते हम आपसे समय देने का अनुरोध करते हैं।’’
गोपाल राय ने पहले भी भूपेंद्र यादव को लिखा था पत्र 
बता दें, राय ने पिछले साल भी यादव को कई पत्र लिखे थे, जिसमें वायु प्रदूषण के मुद्दे पर चर्चा के लिए आपात बैठक बुलाने का अनुरोध किया गया था हालांकि इन पत्रों का उन्हें कोई जवाब नहीं मिला था। दिल्ली की शीतकालीन कार्य योजना पराली प्रबंधन, धूल प्रदूषण, वाहनों से निकलने वाले धुएं, खुले में कचरा जलाने, औद्योगिक प्रदूषण आदि समस्याओं से निपटने पर केंद्रित है। शहर की सरकार ने सभी प्रकार के पटाखों के उत्पादन, बिक्री और इस्तेमाल पर भी एक जनवरी तक पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार पिछले दो साल से ऐसा करती आ रही है।
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