W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

Govardhan Puja 2025: 21 या 22 अक्टूबर, कब है गोवर्धन पूजा? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

12:28 PM Oct 21, 2025 IST | Bhawana Rawat
govardhan puja 2025  21 या 22 अक्टूबर  कब है गोवर्धन पूजा  जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Advertisement

Govardhan Puja 2025: हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन महाराज की आकृति बनाकर उसका पूजन किया जाता है। हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा को प्रकृति की रक्षा का प्रतीक माना जाता है, जो दिवाली से अगले दिन मनाया जाता है, इसे अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है। लेकिन इस बार अमावस्या तिथि दो दिन होने की वजह से गोवर्धन पूजा की तारीख को लेकर असमंजस बना हुआ है। चलिए जानते हैं, गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

Govardhan Puja Date: कब है गोवर्धन पूजा?

Govardhan Puja 2025
कब है गोवर्धन पूजा? (Image- Ai Generated)

पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है। इस बार प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 21 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 54 मिनट पर होगी और इसका समापन 22 अक्टूबर को रात 8 बजकर 16 मिनट पर होगा। उदय तिथि के मुताबिक इस बार गोवर्धन पूजा का पर्व 22 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

Govardhan Puja Shubh Muhurat: गोवर्धन पूजा 2025 शुभ मुहूर्त

Govardhan Puja 2025
गोवर्धन पूजा 2025 शुभ मुहूर्त (Image- Ai Generated)

पंचांग के अनुसार, गोवर्धन पूजा का पहला शुभ मुहूर्त 22 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 26 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 42 मिनट तक होगा। इसके अलावा दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 29 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 44 मिनट तक होगा।

Govardhan Puja Vidhi: गोवर्धन पूजा विधि

Govardhan Puja 2025
गोवर्धन पूजा विधि (Image: Ai Generated)
  1. गोवर्धन पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर घर और आंगन की साफ-सफाई करें।
  2. फिर गाय के गोबर से गोवर्धन महाराज की आकृति बनाएं या फिर गोबर न मिले तो अनाज से भी बना सकते हैं।
  3. इसके आस-पास बछड़े और ग्वालों की मूर्तियां रखकर दीपक, फल, फूल, अन्न और जल अर्पित करें।
  4. पूजा करने के बाद गोवर्धन की परिक्रमा करें।
  5. परिक्रमा के समय हाथ में कलश लेकर जल की धारा डालते हुए सात बार परिक्रमा करें।
  6. ध्यान रहे कि इस परिक्रमा को जौ बिखेरते हुए पूरी करें।
  7. इस दिन गाय और बछड़ों की भी पूजा होती है, उन्हें गुड़ और चारा जरूर खिलाएं।
  8. इस दिन भगवन श्री कृष्ण की पूजा होती है। इसके लिए उनकी प्रतिमा का दूध, दही और गंगाजल से अभिषेक कराएं।
  9. पूजा के बाद भगवान को छप्पन भोग लगाएं और उसे ब्राह्मण, गरीब और अपने परिवार के सदस्यों में बांटे।
  10. इस दिन शाम को दीपदान जरूर करें।

यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2025: 26, 27 या 28 कब है छठ पूजा, जानें नहाए- खाए से लेकर सूर्योदय अर्घ्य का शुभ मुहूर्त

Advertisement
Author Image

Bhawana Rawat

View all posts

Advertisement
Advertisement
×