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गोवर्धन पूजा: कब है गोवर्धन पूजा ? जानें सही तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त

गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पर्वत, गोधन यानि गाय और भगवान श्री कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। इस मौके पर देशभर के मंदिरों में धार्मिक आयोजन और अन्नकूट यानि भंडारे होते हैं।

11:57 AM Oct 26, 2022 IST | Desk Team

गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पर्वत, गोधन यानि गाय और भगवान श्री कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। इस मौके पर देशभर के मंदिरों में धार्मिक आयोजन और अन्नकूट यानि भंडारे होते हैं।

गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पर्वत, गोधन यानि गाय और भगवान श्री कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। इस मौके पर देशभर के मंदिरों में धार्मिक आयोजन और अन्नकूट यानि भंडारे होते हैं। दिवाली के अगले दिन यानी कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा का पावन पर्व मनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं गोवर्धन पर्व की पूजा की थी। मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है। इस बार गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर 2022, बुधवार को है।  कहा जाता है कि, भगवान श्रीकृष्ण ने आज ही के दिन इंद्रदेव का मान मर्दन कर गिरिराज पूजन किया था। इस दिन गाय की पूजा भी की जाती है और गाय के गोबर से गोवर्धन जी की लेटी हुई प्रतिमा बनाई जाती है।
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गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त-
इस बार गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को की जाएगी। प्रतिपदा तिथि आज आनी 25 अक्टूबर 2022 को 4 बजकर 18 मिनट से शुरू होगी, वहीं प्रतिपदा तिथि की समाप्ति कल या यानी 26 अक्टूबर, बुधवार को दोपहर 2 बजकर 42 मिनट पर होगी। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 29 मिनट से 8 बजकर 43 मिनट तक रहेगा यानी पूजा की कुल अवधि 2 घंटे 14 मिनट है। 
हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है। इस पर्व की धूम मथुरा व वृंदावन में अधिक देखने को मिलती है। इसके अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश व भारत के कई राज्यों में यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग गोवरधन पर्वत की परिक्रमा के लिए जाते हैं, गोवर्धन पर्वत को भगवान गिरिराज का स्वरूप माना जाता है धार्मिक ग्रंथों का मानें तो भगावन श्रीकृष्ण ने स्वंय इस दिन गोवर्धन पर्व की पूजा की थी। वहीं इस दिन गऊ पूजन का भी विधान, शास्त्रों में गाय को माता का स्वरूप माना गया है
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