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उपहार के नाम पर माल का आयात रोकने के कदम उठा सकती है सरकार

उपहार भेजे जाने की आड़ में माल का आयात किये जाने की घटनाओं को लेकर चिंतित है। सुविधा के दुरुपयोग को रोकने के वह कुछ कदम उठाने पर विचार कर रही है।

12:28 PM Jan 04, 2019 IST | Desk Team

उपहार भेजे जाने की आड़ में माल का आयात किये जाने की घटनाओं को लेकर चिंतित है। सुविधा के दुरुपयोग को रोकने के वह कुछ कदम उठाने पर विचार कर रही है।

नई दिल्ली : सरकार विदेशों से उपहार भेजे जाने की आड़ में माल का आयात किये जाने की घटनाओं को लेकर चिंतित है। सुविधा के दुरुपयोग को रोकने के वह कुछ कदम उठाने पर विचार कर रही है। इनमें उपहारों पर सीमा शुल्क से छूट को खत्म करना और उपहारों की अधिकतम संख्या निर्धारित करना शामिल है।

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एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।सितंबर 2018 में ई-कॉमर्स पर सचिवों की स्थायी समूह की बैठक हुयी। बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। समूह की अध्यक्षता औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग के सचिव ने की थी।विशेषज्ञों के मुताबिक, चीन की कुछ एप आधारित और ई-वाणिज्य कंपनियां देश के विदेश व्यापार कानून के नियमों का गलत इस्तेमाल कर रही हैं।

इस नियम के तहत 5,000 रुपये तक के उत्पादों को उपहार के तौर पर निशुल्क आयात की अनुमति दी गई है।स्थायी समूह ने राजस्व विभाग से कुछ विकल्पों पर विचार करने के लिये कहा है। इनमें संदिग्ध गतिविधियों की पहचान के लिये माल भेजने वाले और किस देश से माल भेजा जा रहा है इसका पता लगाना, अनिश्चितता से बचने के लिये उपहार पर दी गयी छूट को पूरी तरह से खत्म करना, इस तरह के उपहारों की संख्या को प्रति व्यक्ति चार उपहार प्रति वर्ष मंगाने की सीमा तय करना शामिल है।

अन्य विकल्पों में इस तरह के उपहारों के नमूने की जांच करना शामिल है। अधिकारी ने कहा, हमने इस तरह के उपहारों की संख्या को प्रति व्यक्ति चार उपहार प्रति वर्ष मंगाने की सीमा तय करने का सुझाव दिया है। लेकिन इस पर अंतिम निर्णय सीमा शुल्क प्राधिकरण को लेना है।

हालांकि, आवश्यक दवाओं पर इस तरह के प्रतिबंध लगाने की सिफारिश नहीं की गई है।ई-कॉमर्स कंपनियों समेत कई कंपनियों ने चिंता जताई थी कि चीन की ऑनलाइन कंपनियां को भारत से ऐसे ऑर्डरों की संख्या बढ़ रही है और कंपनियां इसके तहत सीमा शुल्क से बचते हुये माल की डिलीवरी कर रही हैं।

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