दिल्ली में पुरानी गाड़ियों के मालिकों को बड़ी राहत, सरकार ने लागू किया ये नियम
दिल्ली में 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों को सरकार ने बड़ी राहत दी है. अब इन वाहनों पर ईंधन न देने और सड़क पर चलने पर जुर्माना लगाने की योजना को CAQM (वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) ने अब 1 नवंबर 2025 तक टाल दिया है. यह फैसला आयोग की मंगलवार को हुई बैठक में लिया गया. इस योजना के अनुसार अब यह नियम दिल्ली के साथ-साथ गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, सोनीपत और गौतम बुद्ध नगर में भी एक साथ लागू होगा.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में 1 जुलाई 2025 से ऐसे पुराने वाहनों पर ईंधन देना बंद कर दिया गया था. अगर ये गाड़ियां सड़क पर पाई जातीं, तो उन पर 10,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया जा रहा था. इस नियम के खिलाफ जनता में भारी विरोध देखा गया, जिसके बाद सरकार ने इस पर फिर से सोचने का फैसला किया.
मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने लिखा पत्र
दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस योजना को कुछ समय के लिए टालने और इसे अन्य शहरों के साथ लागू करने की अपील की थी. उनका कहना था कि फिलहाल इस योजना को लागू करना व्यावहारिक नहीं है, क्योंकि मौजूदा व्यवस्था में कई खामियाँ हैं.
उपराज्यपाल ने भी उठाए सवाल
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने भी इस योजना पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को चिट्ठी लिखकर कहा कि दिल्ली अभी इस तरह के बैन के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करनी चाहिए और कोर्ट को बताना चाहिए कि इस फैसले पर दोबारा विचार किया जाए. उपराज्यपाल ने कहा कि मध्यम वर्ग के लोग अपनी गाढ़ी कमाई से वाहन खरीदते हैं और उन्हें अचानक कबाड़ घोषित कर देना उनके साथ अन्याय है.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि उनकी सरकार सुप्रीम कोर्ट से अपील करेगी कि पुरानी गाड़ियों के लिए देशभर में एक जैसे नियम हों. उन्होंने यह भी कहा कि ये गलत है कि जो वाहन दिल्ली में पुराना माना जाए, वही किसी और राज्य में वैध हो. गुप्ता ने साफ किया कि उनका उद्देश्य जनता के हितों की रक्षा करना है और सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में उचित कदम उठाएगी.