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दस लोक उपक्रमों के आईपीओ लाने की तैयारी में सरकार

केंद्रीय लोक उपक्रमों के आईपीओ लाने की योजना है। इसमें टीएचडीसीआईएल, रेलटेल और टेलीकम्युनिकेशंस कंसल्टेंट इंडिया लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं।

12:52 PM Feb 03, 2019 IST | Desk Team

केंद्रीय लोक उपक्रमों के आईपीओ लाने की योजना है। इसमें टीएचडीसीआईएल, रेलटेल और टेलीकम्युनिकेशंस कंसल्टेंट इंडिया लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं।

नई दिल्ली : सरकार की अगले वित्त वर्ष में 10 केंद्रीय लोक उपक्रमों के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की योजना है। इसमें टिहरी बांध निगम इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल), रेलटेल और टेलीकम्युनिकेशंस कंसल्टेंट इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएल) जैसी कंपनियां शामिल हैं। इसी के साथ सरकार ने 2019-20 में 90,000 करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य रखा है। वित्त मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी।

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निवेश एवं लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव अतनु चक्रवर्ती ने कहा मंत्रालय की योजना केंद्रीय लोक उपक्रमों के रणनीतिक विनिवेश पर आगे बढ़ने और सरकारी कंपनियों के मुख्य काम से इतर परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण की है। चक्रवर्ती ने एक साक्षात्कार में कहा कि हमने पहले ही 10 आईपीओ लाने की तैयारी की है, क्योंकि बहुत सी कंपनियां है जिन्हें अपनी न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता के लक्ष्य को पाना है। हम नयी थीम पर आधारित ‘इक्विटी ट्रेडेड फंड’ (ईटीएफ) भी लाएंगे।

इसके अलावा रणनीतिक विनिवेश की भी योजना है जिसे चुनाव बाद और तेजी से किया जाएगा। साथ ही अगले साल हम परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण भी ध्यान देंगे। शुक्रवार को पेश 2019-20 के अंतरिम बजट में 90,000 करोड़ रुपये के रणनीतिक विनिवेश का लक्ष्य रखा गया है। यह चालू वित्त वर्ष के 80,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य से अधिक है। चालू वित्त वर्ष के 10 महीनों में केंद्रीय लोक उपक्रमों में हिस्सेदारी बिक्री, ईटीएफ की किस्तों और शेयर पुनर्खरीद से 36,000 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं।

सरकार को मार्च अंत तक विनिवेश से 44,000 करोड़ रुपये और जुटाने हैं। चक्रवर्ती ने कहा कि सभी लेनदेन प्रक्रिया में हैं। चालू वित्त वर्ष में हम 80,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य हो प्राप्त कर लेंगे। सरकार को ओएनजीसी, कोल इंडिया और इंडियन ऑयल समेत अन्य केंद्रीय लोक उपक्रमों के शेयर पुनर्खरीद से 12,000 करोड़ रुपये जुटाए जाने की उम्मीद है। ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) में सरकार की हिस्सेदारी पावर फाइनेंस कारपोरेशन (पीएफसी) के खरीदे जाने से सरकार को 15,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी।

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