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उच्च शिक्षा क्षेत्र में शिक्षण कार्य में पिछड़ों-अति पिछड़ों की भागीदारी बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता - रेणु देवी

उपमुख्यमंत्री -सह – पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री रेणु देवी ने कहा कि अन्य क्षेत्रों की तरह उच्च शिक्षण संस्थानों के शैक्षणिक पदों पर नियुक्ति में पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग की भागीदारी बढ़ाने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।

05:49 AM Aug 09, 2022 IST | Desk Team

उपमुख्यमंत्री -सह – पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री रेणु देवी ने कहा कि अन्य क्षेत्रों की तरह उच्च शिक्षण संस्थानों के शैक्षणिक पदों पर नियुक्ति में पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग की भागीदारी बढ़ाने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।

पटना : उपमुख्यमंत्री -सह – पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री रेणु देवी ने कहा कि अन्य क्षेत्रों की तरह उच्च शिक्षण संस्थानों के शैक्षणिक पदों पर नियुक्ति में पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग की भागीदारी बढ़ाने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। “मुख्यमंत्री व्यवसायिक पाठ्यक्रम मार्गदर्शन एवं उत्प्रेरण योजना” सरकार द्वारा इस उद्देश्य से की गई एक शानदार पहल है।
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उन्होंने कहा कि इस योजनांतर्गत पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग के छात्र – छात्राओं को नेट,गेट, जे.आर.एफ. (सी.एस. आई.आर.), पी.एच. डी., एम.फिल. आदि परीक्षाओं की निःशुल्क तैयारी वर्तमान वित्तीय वर्ष से ही कराई जाएगी।
रेणु देवी ने कहा कि इस कार्य के लिए दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर एवं मधेपुरा में अवस्थित विश्वविद्यालयों में एक – एक केंद्र तथा पटना में अवस्थित विश्वविद्यालयों में दो केंद्र अर्थात कुल सात व्यवसायिक पाठ्यक्रम मार्ग दर्शन एवं उत्प्रेरण केंद्र का संचालन किया जाएगा। योजना के संचालन के लिए प्रति केंद्र 24 लाख 54 हजार 7 सौ  रुपए और कुल 01 करोड़ 71 लाख 82 हजार 9 सौ रुपए की स्वीकृति सरकार द्वारा दी जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक केंद्र पर 60-60 विद्यार्थियों के दो – दो बैच को तैयारी कराई जाएगी। प्रत्येक बैच की तैयारी अवधि छह माह की होगी। इस प्रकार एक वर्ष में एक केंद्र पर 240 विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया जा सकेगा। राज्य के कुल सात केंद्रों पर एक वर्ष में 1680 विद्यार्थियों को नेट, गेट, जे.आर.एफ. (सी.एस.आई.आर.), पी.एच.डी., एम.फिल. आदि प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कराई जाएगी। एक बैच के 60 विद्यार्थियों में 24 पिछड़ा वर्ग के तथा 36 अति पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थी रहेंगे। इन केंद्रों में शिक्षण कार्य हेतु योग्य एवं विशेषज्ञ शिक्षकों की सेवा ली जाएगी। इस योजना के लिए चिन्हित सभी विश्वविद्यालयों में आवश्यक तैयारी प्रारंभ की जा चुकी है।
उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि इस योजना से लाभान्वित पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग की छात्र – छात्राएं उच्च शिक्षण संस्थानों के शैक्षणिक पदों पर अधिक से अधिक संख्या में नियुक्त होंगे।
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