Top NewsindiaWorldViral News
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabjammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariBusinessHealth & LifestyleVastu TipsViral News
Advertisement

बंद हो रहे सरकारी स्कूल, शिक्षा हुई महंगी : विपक्ष

केंद्र पर तमिलनाडु की अनदेखी का आरोप, विपक्ष ने की आलोचना

04:54 AM Mar 11, 2025 IST | Syndication

केंद्र पर तमिलनाडु की अनदेखी का आरोप, विपक्ष ने की आलोचना

राज्यसभा में मंगलवार को शिक्षा मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा की गई। इस दौरान विपक्ष ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति पर प्रश्न उठाया। डीएमके सांसदों ने केंद्र पर तमिलनाडु की अनदेखी का आरोप लगाया। डीएमके सांसदों ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने धन आवंटन के मामले में उनके साथ भेदभाव किया है। इसके साथ उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा लागू की जा रही त्रिभाषा योजना की भी आलोचना की।

डीएमके का कहना है कि तमिलनाडु में लंबे समय से द्विभाषा की नीति लागू है, जो राज्य के हित में है। इस विषय पर तमिलनाडु सरकार और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के बीच लगातार टकराव बना हुआ है।

कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने इस चर्चा की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में गरीब छात्रों के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के हवाले से कहा कि देश में हजारों सरकारी स्कूल बंद हो गए हैं, वहीं नए प्राइवेट स्कूल खुल रहे हैं।

Col. Ponung Doming: दुनिया की सबसे ऊंची सीमा टास्क फोर्स की पहली महिला कमांडर

उन्होंने कहा कि इसका बोझ निर्धन छात्रों और उनके अभिभावकों पर पड़ता है। शिक्षा लगातार महंगी हो रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू हुए पांच वर्ष हो चुके हैं, इसके बावजूद अभी भी शिक्षा विभाग और महिला बाल विकास मंत्रालय के बीच जो समन्वय होना चाहिए, नहीं है।

उन्होंने कुपोषित बच्चों पर विशेष ध्यान देने की बात कही। मध्य प्रदेश का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि 30 हजार स्कूल बंद हो गए। महात्मा गांधी की हत्या के बाद जो हुआ, उसे स्कूली सिलेबस से बाहर कर दिया गया। हिंदू-मुस्लिम एकता का विषय भी सिलेबस से निकाल दिया गया। केंद्रीय विद्यालय में सात हजार से ज्यादा पद खाली हैं। नवोदय विद्यालय में चार हजार से ज्यादा पद खाली हैं। कुलपतियों के भी करीब 10 पद रिक्त हैं।

भारतीय जनता पार्टी के सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में शिक्षा पर लगातार ध्यान दिया जा रहा है। शिक्षा पर होने वाले खर्च में वृद्धि की गई है। आज जीडीपी का करीब साढ़े चार प्रतिशत शिक्षा पर खर्च किया जा रहा है। यह खर्च अमेरिका जैसे देशों से भी अधिक है। शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति आई है। यह एक सकारात्मक क्रांति है, जिससे नए और बड़े बदलाव हो रहे हैं।

भाजपा सांसदों ने कहा कि शिक्षा में इंडियन नॉलेज सिस्टम को शामिल किया गया है। सभी भाषाओं और राज्यों को समान अवसर मिले हैं। इंजीनियरिंग की पढ़ाई 13 भारतीय भाषाओं में शुरू की गई है।

Advertisement
Advertisement
Next Article